योगगुरु रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda) को कर्ज के बोझ तले दबी रुचि सोया (Ruchi Soya) को 4,350 करोड़ रुपये में खरीदने की मंजूरी मिल गई है. रुचि सोया दिवाला निपटान प्रक्रिया में फंसी थी. NCLT ने इस सौदे को मंजूरी दे दी है. हमारी सहयोगी वेबसाइट DNA की खबर के मुताबिक, रुचि सोया पर बैंकों का 12000 करोड़ रुपए बकाया है. SBI का ही 1822 करोड़ रुपए बाकी है. अब पतंजलि के नेतृत्‍व वाला कंसोर्टियम इस सौदे को अमलीजामा पहनाएगा. रुचि सोया को खरीदने से पतंजलि ग्रुप का खाने के तेल का कारोबार काफी बढ़ जाएगा. तेल के ब्रांड की वैरायटी रुचि सोया के आने से बढ़ेगी. 

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राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने कंपनी के कर्जदाताओं स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (Standard Chartered Bank) और डीबीएस बैंक (DBS Bank) के आवेदन पर दिवाला व शोधन अक्षमता संहिता के तहत शैलेन्द्र अजमेरा को निपटान पेशेवर (RP) नियुक्त किया था.

सुनवाई 1 अगस्‍त को

ट्रिब्‍यूनल ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्‍त को होगी. ट्रिब्‍यूनल ने RP को निर्देश दिया कि वह पूरी निपटान प्रक्रिया की वास्‍तविक कीमत का आकलन करे.

अदानी विल्मर ने छोड़ी डील

पतंजलि के साथ लंबे समय तक चले संघर्ष के बाद अदानी विल्मर पिछले साल अगस्त में रुचि सोया के लिए सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी थी. बाद में अदानी विल्मर दौड़ से हट गई. 

पतंजलि अकेली कंपनी

पतंजलि इस मामले में अंतिम बोली लगाने वाली अकेली कंपनी बची थी. लेनदारों की तरफ से भी पतंजलि की बोली मंज़ूर हो चुकी है. 97% लेनदारों ने रुचि सोया को पतंजलि को दिए जाने पर सहमति दी है.

कंपनी ने बढ़ाई थी बोली

पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा था कि कंपनी ने अपनी बोली 4,160 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 4,350 करोड़ रुपये की है. रुचि सोया के पास सोयाबीन के लिए सबसे बड़ा ढांचा है.

इंदौर की है कंपनी

दिसंबर, 2017 में इंदौर की कंपनी रुचि सोया इंडस्ट्रीज को कॉरपोरेट दिवाला निपटान प्रक्रिया के लिए भेजा गया था. कंपनी के कई विनिर्माण संयंत्र हैं. कंपनी के प्रमुख ब्रांडों में न्यूट्रीला, महाकोश, सनरिच, रुचि स्टार और रुचि गोल्ड शामिल हैं.