वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे को मंजूरी के खिलाफ अपील पर सुनवाई टली
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण ने वॉलमार्ट द्वारा 16 अरब डॉलर के सौद में फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी के खिलाफ अपील पर सुनवाई स्थगित कर दी है.
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने वॉलमार्ट द्वारा 16 अरब डॉलर के सौद में फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी के खिलाफ अपील पर सुनवाई स्थगित कर दी है. व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस सौदे को एनसीएलएटी में चुनौती दी है.
अब एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ 12 नवंबर को इस अपील पर सुनवाई करेगी. इससे पहले छह सितंबर को एनसीएलएटी ने वॉलमार्ट इंटरनेशनल होल्डिंग्स से अपना जवाब दाखिल कर भारत में कारोबार करने के तरीके की जानकारी देने को कहा था.
कैट ने सीसीआई द्वारा इस सौदे को मंजूरी के खिलाफ अपील दायर की थी. कैट से भी एनसीएलएटी ने वॉलमार्ट के भारत में कारोबारी मॉडल के बारे में अपनी समझ की जानकारी देने को कहा था. अपीलीय प्राधिकरण में अपने जवाब में कैट ने आरोप लगाया है कि वॉलमार्ट को जर्मनी, मेक्सिको और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में बाजार बिगाड़ने वाले व्यवहार का दोषी पाया गया है. भारत में भी वह ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण के जरिये इसी तरह का व्यवहार अपना सकती है.
वहीं वॉलमार्ट इंटरनेशनल होल्डिंग्स ने अपने जवाब में कहा कि भारत में उसका कारोबारी मॉडल और गतिविधियां फ्लिपकार्ट से भिन्न हैं. इसके अलावा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के अंकुशों को देखते हुए वॉलमार्ट इंडिया यहां सीधे ग्राहकों को बिक्री नहीं कर सकती. इससे पहले वॉलमार्ट ने 18 अगस्त को सूचित किया था कि उसने फ्लिपकार्ट के साथ सौदा पूरा कर लिया है. अब उसके पास भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी है.