NBCC ने लगभग 14,8000 करोड़ रुपये के कार्यालय और वाणिज्यिक स्थान की बिक्री की
27वीं ई-नीलामी के दौरान, एनबीसीसी ने 908.48 करोड़ रुपये में 1.81 लाख वर्गफीट की कुल अनबिकी मालसूची वाले वाणिज्यिक स्थान की बिक्री हुई है.
27वीं ई-नीलामी के दौरान, एनबीसीसी ने 908.48 करोड़ रुपये में 1.81 लाख वर्गफीट की कुल अनबिकी मालसूची वाले वाणिज्यिक स्थान की बिक्री की. इस ई-नीलामी के माध्यम से, बेचे गए कुल क्षेत्रफल में से लगभग 1.21 लाख वर्गफुट क्षेत्रफल जिसकी बिक्री मूल्य लगभग 596.25 करोड़ रुपये है, पी.एस.यू./सरकारी संस्थाओं को बेचा गया है और 0.60 लाख वर्गफुट क्षेत्रफल जिसकी बिक्री मूल्य 312.23 करोड़ रुपये है, निजी संस्थाओं को बेचा गया है. 27वीं ई-नीलामी में एक इकाई के लिए सबसे अधिक कीमत 62,261 रुपये प्रति वर्गफुट थी, जबकि आरक्षित मूल्य 37,161 रुपये प्रति वर्गफुट था. यह डब्ल्यूटीसी, नौरोजी नगर की सफलता को दर्शाता है, जो कई लोगों द्वारा अपने उद्यमों के लिए वांछित स्थान है.
यह बिक्री कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह भारत की राजधानी में प्रमुख वाणिज्यिक स्थान की असाधारण मांग को दर्शाती है. इसके साथ ही, एनबीसीसी ने 13,408.7 रुपए मूल्य वाले 32,87,567 वर्गफीट के संपूर्ण 100% कार्यालय स्थान की बिक्री कर दी है, जिसमें से पी.एस.यू./ सरकारी ने 9,307.65 करोड़ रुपये में 23,00,942 लाख वर्गफीट और निजी संस्थाओं 4,101.07 करोड़ रुपये में 9,86,625 लाख वर्गफीट खरीदा है.
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को वाणिज्यिक केंद्र के रूप में पुनर्विकसित किया गया है जिसमें लगभग 34 लाख वर्गफीट का वाणिज्यिक निर्मित क्षेत्रफल शामिल है, जिसका निर्माण 628 पुराने/जर्जर क्वार्टरों के स्थान पर किया जा रहा है. 25 एकड़ भूमि में फैली इस परियोजना में 12 टावर हैं जिसमें प्रत्येक में 10 मंजिले हैं, जो व्यवसायों को वृद्धि तथा विस्तार करने के लिए पर्याप्त स्थान प्रदान करते हैं.
कुछ प्रमुख सुविधाओं में 124 हाई-स्पीड एलिवेटर, 4 स्वचालित सीढ़ियाँ (एस्केलेटर्स), 100% पावर बैक-अप के साथ ऊर्जा-कुशल प्रकाश व्यवस्था, एकीकृत सुरक्षा प्रणाली, केंद्रीय वैक्यूम सफाई प्रणाली, अपशिष्ट संग्रह के लिए कचरा शूट प्रणाली, सी.सी.टी.वी. कवरेज, निर्बाध और सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने वाली एकीकृत भवन प्रबंधन प्रणाली आदि शामिल हैं.
संधारणीयता पर बल देते हुए, डब्ल्यू.टी.सी. नौरोजी नगर हरित भवन कार्यपद्धतियों और पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों को शामिल करता है, जिसका लक्ष्य जी.आर.आई.एच.ए.-III (GRIHA-III) जैसे पर्यावरणीय प्रमाणन में उच्च रेटिंग प्राप्त करना है. इसमें शून्य निर्वहन संकल्पना (जीरो डिस्चार्ज कन्सेप्ट), छत पर 800 किलोवाट के सौर पैनल और प्रत्येक गड्ढे (पिट) के लिए 66 घनमीटर क्षमता वाले 26 वर्षा जल संचयन गड्ढे जैसी सुविधाएं भी हैं. जल पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग पर ध्यान केन्द्रित करते हुए कुशल जल प्रबंधन की संकल्पना को शामिल किया गया है. यह भवन प्रत्येक टॉवर में डबल ग्लेज्ड अग्रभाग प्रणाली का उपयोग करके कुशल रोधन क्षमता से सुसज्जित है, ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए लॉबी में ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था, ऊष्मा रोधन (हीट इन्सुलेशन)छतें हैं. इसके साथ ही शून्य अपशिष्ट निर्वहन (जीरो वेस्ट डिस्चार्ज) की संकल्पना के साथ-साथ पर्याप्त क्षमता वाले एस.टी.पी. की आयोजना की गई है.
कार्यालय के स्वामियों को कई प्रमुख सुविधाओं का लाभ मिलता है, जिसमें लगभग 8000 वाहनों के लिए पर्याप्त 3-स्तरीय बेसमेंट और खुली पार्किंग का स्थान, समर्पित सम्मेलन सुविधाएं, आधुनिक कैफेटेरिया और डायनिंग विकल्प तथा प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर हरा-भरा स्थान शामिल हैं जो एक उत्पादक और आरामदायक कामकाजी वातावरण को बढ़ावा देते हैं.
निर्माण में नियोजित लगभग 3,000 कार्यबल के साथ, एनबीसीसी ने इस परियोजना को निष्पादित करते हुए 25 लाख से अधिक श्रम दिवस सृजित किए हैं.
डाउनटाउन सरोजिनी नगर
एनबीसीसी ने डाउनटाउन वाणिज्यिक स्थान की 100% बिक्री भी प्राप्त कर ली है। हाल ही में एक थोक बिक्री के माध्यम से, एनबीसीसी ने लगभग 1,343 करोड़ रुपये बिक्री मूल्य वाली 3.52 लाख वर्गफीट की शेष वाणिज्यिक मालसूची की बिक्री की है. इसके साथ ही एनबीसीसी ने लगभग 1,391 करोड़ रुपये मूल्य वाली 3.64 लाख वर्गफीट के संपूर्ण मालसूची की सफलतापूर्वक बिक्री की है.
इस परियोजना में 329 दुकानें शामिल हैं जिनका निर्मित क्षेत्रफल लगभग 1,81,500 वर्गफीट है तथा 300 कार्यालय हैं जिनका निर्मित क्षेत्रफल लगभग 1,84,400 वर्गफीट है. दुकानों का आकार 138 वर्गफीट से 738 वर्गफीट तक है जबकि कार्यालय का आकार 216 वर्गफीट से 882 वर्गफीट तक है. इस वाणिज्यिक परियोजना में लगभग 675 वाहनों के लिए पार्किंग सुविधा भी शामिल है.
इस विकास में अत्याधुनिक कार्यालय स्थान, खुदरा इकाइयां और प्रमुख सुविधाएं शामिल हैं, जिन्हें आधुनिक व्यवसायों और उद्यमों की गतिशील आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है. डाउनटाउन को 2.18 एकड़ के भूखंड पर निर्मित किया गया है, जिसमें लगभग 3,77,000 वर्गफीट वाणिज्यिक निर्मित क्षेत्रफल शामिल है जो बेसमेंट के चार स्तरों (निचले और ऊपरी तलों के साथ) और आठ अतिरिक्त मंजिलों में विस्तारित है. हब के पहले चार स्तरों पर खुदरा स्थान हैं तथा शीर्ष स्तर आधिकारिक उपयोग के लिए हैं. डाउनटाउन भवन में भूतल पर प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर प्रांगण है जो एक विशाल हरे-भरे स्थान का मनोहारी दृश्य प्रदान करता है. प्रांगण को पदयात्रियों के सैरगाह के रूप में डिजाइन किया गया है. सार्वजनिक स्थानों में विजुअल अनुभव प्रदान करने और दिन के प्रकाश का अधिकतम उपयोग करने के लिए खुले टेरेस, साज-सज्जा, ग्लेज़्ड प्रवेश द्वार और अग्रभाग भी हैं.
एनबीसीसी पुनर्विकास के कार्य में अग्रणी है और देश के विभिन्न भागों में रिक्त/अल्प-उपयोग की जा रही/अप्रयुक्त भूखंडों एवं कॉलोनियों पर विभिन्न परियोजनाओं का निष्पादन कर रही है. इस परियोजना की विशिष्टता यह है कि यह स्व-संधारणीयता आधार पर है और इसमें सरकारी राजकोष की ओर से कोई देयता नहीं है. 7 जी.पी.आर.ए. कॉलोनियों के पुनर्विकास के लिए निधि एनबीसीसी द्वारा नौरोजी नगर और सरोजिनी नगर में वाणिज्यिक स्थान की बिक्री के माध्यम से उत्पन्न की जा रही है. एनबीसीसी नौरोजी नगर, सरोजिनी नगर और नेताजी नगर का पुनर्विकास कर रहा है, जबकि सी.पी.डब्ल्यू.डी. अन्य चार कॉलोनियों अर्थात कस्तूरबा नगर, त्यागराज नगर, श्रीनिवासपुरी और मोहम्मदपुर का निष्पादन कर रहा है. सी.पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा निष्पादित इन चार परियोजनाओं को भी पुनर्विकास के लिए एनबीसीसी को आबंटित कॉलोनियों के वाणिज्यिक स्थान की बिक्री से एनबीसीसी द्वारा अर्जित निधि से वित्त पोषित किया जा रहा है.
एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड नवोन्मेष, गुणवत्ता और संधारणीयता के माध्यम से वाणिज्यिक रियल एस्टेट के परिदृश्य को रूपांतरित करने के अपने मिशन पर केंद्रित है। इस उपलब्धि का जश्न मनाते हुए, यह भावी उपलब्धियों के प्रति आशावान है तथा व्यवसायों और समुदायों की उभरती आवश्यकताओं को पूर्ण करने वाले बेहतर रियल एस्टेट समाधान प्रदान करने के अपने प्रयासों को जारी रखता है.
एनबीसीसी संपूर्ण देश में और अधिक पुनर्विकास परियोजनाएं शुरू करने के लिए इच्छुक है तथा ऐसे प्रयासों के लिए विभिन्न सरकारी संस्थाओं के साथ जुड़ने के लिए तैयार है. ऐसी परियोजनाओं से न केवल भूखंडों के बेहतर और कुशल उपयोग में मदद मिलेगी बल्कि संभावित राजस्व अवसर प्रदान करके स्वामियों को भी लाभ प्राप्त होगा। एनबीसीसी का लक्ष्य देश की विकास यात्रा में भागीदार बनना है.