लंबे समय से संकट से जूझ रहे रियल एस्टेट सेक्टर में सुधार दिखाई देने लगा है. निवेशक फिर से रियल एस्टेट की तरफ रुख कर रहे हैं. इसी का नतीजा है कि म्यूचुअल फंडों ने पिछले कुछ समय से रियल एस्टेट में अपना निवेश बढ़ा दिया है. म्यूचुअल फंडों (Mutual Funds) ने पिछले साल रियल एस्टेट सेक्टर के विभिन्न माध्यमों में 12 हजार करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश किया. रियल एस्टेट निवेश न्यास (REIT) और बुनियादी संरचना निवेश न्यास (InvIT) जैसे नये निवेश साधनों में अब निवेशक दिलचस्पी लेने लगे हैं.

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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के अनुसार, 2019 में म्यूचुअल फंडों ने REIT में 670 करोड़ रुपये और InvIT में 11,347 करोड़ रुपये का निवेश किया.

पिछले एक साल के दौरान REIT और InvIT में म्यूचुअल फंडों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है. म्यूचुअल फंडों ने रीट और इनविट में जनवरी, 2019 में क्रमश: मात्र सात करोड़ रुपये और 611 करोड़ रुपये का निवेश किया था. दिसंबर, 2019 में यह निवेश बढ़कर क्रमश: 72.5 करोड़ रुपये और 948 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

आवासीय खंड में संपत्तियों को बेच पाने की अक्षमता तथा संपत्तियों के दाम में धीमी वृद्धि के कारण निवेशकों की दिलचस्पी कम होते जा रही है. इससे उलट REIT से अच्छी आय प्राप्त हो रही है. ऐसे में REIT निवेश का संभावित तरजीही माध्यम बनकर उभर सकता है. रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बैंकों को इनविट को ऋण देने की मंजूरी देने से इनमें भी तेजी आ सकती है.

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सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका में कई विदेशी निवेशकों से मिलने के बाद कहा था कि वे रीट और इनविट जैसे निवेश विकल्पों में खासी दिलचस्पी ले रहे हैं.

सेबी द्वारा इनविट पेश किये जाने के बाद दो सार्वजनिक इनविट आईआरबी इनविट फंड और इंडिया ग्रिड ट्रस्ट तथा तीन निजी इनविट इंडइंफ्राविट ट्रस्ट, इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट और ओरियंटल इंफ्राट्रस्ट सूचीबद्ध हो चुके हैं. हालांकि एम्बैसी ऑफिस पार्क्स अब तक सूचीबद्ध एकमात्र रीट है.