Anti Dumping Duty on Ofloxacin: घरेलू फार्मा कंपनियों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार बड़ा कदम उठा सकती है. मोदी सरकार चीन से इम्पोर्टेड ओफ्लोक्सासिन और इंटरमीडिएट पर 5 साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा सकती है. आरती ड्रग्स (Arti Drugs) की अर्जी पर DGTR ने जांच पूरी की है और उसने इसके आयात पर 5 साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी की सिफारिश की है. बता दें कि ओफ्लोक्सासिन एक Antibiotic है जिसका इस्तेमाल आंखों, स्किन, प्रोस्टेट और corneal अल्सर के इलाज में होता है.

5 साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी की सिफारिश

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चीन से आयातित ओफ्लोक्सासिन और इंटरमीडिएट पर अगले 5 साल के लिए $0.53 से $7 प्रति किलो शुल्क प्रस्तावित है. आरती ड्रग्स की अर्जी पर DGTR ने जांच पूरी की. जांच की अवधि 1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021 है. इंजरी मार्जिन 2017-2019 और जांच का समय. हालांकि देश की अन्य सभी बड़ी दवा कंपनियां करती हैं चीन से आयात,  ऐसे में उनपर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है.

कैसे बढ़ी डंपिंग 

अप्रैल- जून 2020 की पहली तिमाही में 100MT आयात हुआ. दूसरी तिमाही में ये बढ़कर 3100MT हो गया. तीसरी तिमाही में 4800MT औऱ और चौथी तिमाही में 7200MT हुआ.

दाम पर असर

इस दौरान चीन में इनपुट कॉस्ट बढ़ी तो APIs महंगे हुए और चीन ने पूरी बढ़ोतरी पास ऑन की. यानि डंपिंग भी बढ़ी और दाम भी बढ़ाए. जेनरिक दवा की एक स्ट्रिप की कीमत 13 रुपये के आसपास थी वो 20-30% बढ़ गई, उसी अनुपात में ब्रांडेड दवा के दाम भी बढ़े.

घरेलू इंडस्ट्री का कहना 

Aarti Drugs इस प्रॉडक्ट का उत्पादन करती है. कुछ MSMEs भी उत्पादन करते हैं. देश की जरूरत पूरा करने के लिए पर्याप्त क्षमता साथ ही क्वालिटी और कीमत भी कम है. सरकार की PLI और API स्कीम में कई कंपनियां इसके लिए आगे आयी हैं. अगर डंपिंग रुकती है तो इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने का रास्ता साफ होगा. चीन पर निर्भरता खत्म होगी, जर्मनी कर रहा है कम दर पर एक्सपोर्ट.