एक्सपोर्ट बढ़ाने और व्यापार घाटा कम करने के लिए मोदी सरकार ने बनाया नया प्लान
देश का निर्यात मई महीने में 3.93 फीसदी बढ़कर 30 अरब डॉलर पर पहुंच गया. हालांकि, आयात भी 4.31 फीसदी बढ़कर 45.35 अरब डॉलर रहा. इस तरह व्यापार घाटा बढ़कर 15.36 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
भारत का व्यापारिक घाटा (Trade Deficit) काफी ज्यादा है. हालांकि, हाल के कुछ वर्षों में यह कम हुआ है, लेकिन आर्थिक लिहाज से यह अभी भी बहुत ज्यादा है. अगर आर्थिक गति को रफ्तार देनी है तो निर्यात पर जोर देना होगा. व्यापारिक घाटा कम करना होगा. प्रधानमंत्री मोदी का मेक इन इंडिया प्रोग्राम इसी दिशा में उठाया गया कदम है. सरकार निर्यात को बढ़ाने के लिए तमाम स्कीम लेकर आ रही है. इस बीच भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने निर्यात की उच्च संभावना वाले 31 उत्पादों को चिन्हित किया है जिनमें महिला परिधान, दवा, चक्रीय हाइड्रोकार्बन और फर्नीचर के सामान शामिल हैं. उद्योग संगठन ने व्यापारिक मालों के निर्यात पर किए गए एक अध्ययन में निर्यात की उच्च संभावना वाले इन उत्पादों को चिन्हित किया है.
निर्यात में वृद्धि दोहरे अंक में ले जाने पर जोर
CII के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, "दोहरे अंकों में निर्यात में वृद्धि के लक्ष्य को हासिल करने के लिए लक्षित निर्यात रणनीति की जरूरत है जिसमें सही उत्पादों को चिन्हित किया जाता है और उसके निर्यात को बढ़ावा दिया जाता है. तेजी से बदलते वैश्विक व्यापार, क्षेत्र, वैश्विक मूल्य श्रृंखला और बड़े व्यापारिक करार समेत नए मुक्त व्यापार समझौते को लेकर निर्यात रणनीति का ज्यादा महत्व हो गया है." उद्योग संगठन ने अपने शोध पत्र "इंडियन एक्सपोटर्स: द नेक्स्ट ट्रेजेक्टरी-मैपिंग प्रोडक्ट्स एंड डेस्टिनेशंस" में इन उत्पादों का निर्यात करने के लिए घरेलू उत्पादन बढ़ाने और बड़े आयातक देशों में लक्षित संवर्धन करने का द्विकोणीय नजरिया पेश किया है.
निर्यात में लगातार हो रहा है इजाफा
बता दें, देश का निर्यात मई महीने में 3.93 फीसदी बढ़कर 30 अरब डॉलर पर पहुंच गया. हालांकि, आयात भी 4.31 फीसदी बढ़कर 45.35 अरब डॉलर रहा. इस तरह व्यापार घाटा बढ़कर 15.36 अरब डॉलर पर पहुंच गया.