नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के साथ मिलकर एकीकृत वेब पोर्टल का विकास कर रहे हैं. यह वेबसाइट छतों पर सौर पैनल लगाने की अर्जी को स्वीकृति देने वाले एकल खिड़की के तौर पर काम करेगा. इसके अलावा वेबसाइट भारत में छत पर सौर पैनल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और उसके लेकर जागरूकता पैदा करने की दिशा में भी काम करेगा.

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प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि भारत में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई), लघु एवं मझौले उद्योगों (एसएमई) में छतों पर सौर पैनल लगाने को लेकर बहुत कम जागरूकता है. अधिकारी ने बताया, 'एमएनआरई, एडीबी और विश्व बैंक एकीकृत वेब पोर्टल (यूडब्ल्यूपी) विकसित कर रहे हैं. संबंधित राज्य भी इस पहल के हिस्सा हैं. 

एकल मंजूरी खिड़की की तरह भी काम करेगा

भारत में छतों पर सौर पैनल के इस्तेमाल के बारे में जागरूकता फैलाने के अतिरिक्त यह पोर्टल उपभोक्ताओं के लिए एकल मंजूरी खिड़की की तरह भी काम करेगा.' उन्होंने कहा, 'आज अगर कोई अपनी व्यावसायिक इकाई की छत पर सौर पैनल लगाना चाहता है तो व्यक्ति को यह नहीं मालूम होगा कि उससे किससे संपर्क करना है.' अधिकारी ने कहा कि वेबसाइट के जरिए सौर पैनल लगाए जाने से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी.

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पीएफएस-यूएसआईसीईएफ में समझौता

बुनियादी ढांचा क्षेत्र को वित्तपोषण उपलब्ध कराने वाली कंपनी पीएफएस ने भारत में सौर परियोजनाओं के लिए कोष जुटाने को यूएस-इंडिया क्लीन एनर्जी फाइनेंस (यूएसआईसीईएफ) से हाथ मिलाया है. पीएफएस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पवन सिंह ने कहा, ‘‘यह एक नवोन्मेषी सुविधा है, जिससे पीएफएस को अधिक प्रभाव डालने वाली परियोजनाओं के वित्तपोषण का अवसर मिलेगा. ’’ पीएफएस ने बयान में कहा कि इसी के तहत हमने यूएसआईसीईएफ से हाथ मिलाया है जिससे इस कोष का लाभ भारत में निवेश के लिए तैयार वितरित सौर परियोजनाओं को मिल सके.