IL&FS केस में सरकार ने ऑडिटर्स की संपत्तियां फ्रीज करने की अर्जी दी है. मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (MCA) ने इस मामले में NCLT मुंबई में मंगलवार को यह अर्जी दी है. MCA की दलील है कि फंड डाइवर्जन को रोकने के लिए संपत्तियां फ्रीज करना जरूरी है. IL&FS फाइनेंशियल में डिलॉइट हाप्किन्स एंड सेल्स, बीएसआर एंड एसोसिएट्स ऑडिटर थे. सूत्रों ने बताया कि संपत्तियां फ्रीज करने का आदेश आया तो काफी दिक्कत होगी क्योंकि बैंक खाते भी फ्रीज हो जाएंगे. NCLT में इस मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी. 

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19 अगस्त को सुनवाई

पहले NCLT ने ऑडिटर्स को एक बड़ा झटका देते हुए उनके खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दी थी. हालांकि ऑडिटर्स ने इस मामले में खुद को पक्षकार बनाने के फैसले को NCLAT में चुनौती दी है. इस पर 19 अगस्त को सुनवाई होगी. ऑडिटर्स की दलील रही है कि जिस सेक्शन 241-242 के तहत उन्हें मुख्य अर्जी में पक्षकार बनाया गया है, वह ठीक नहीं है. क्योंकि ऑडिटर कभी मैनेजमेंट का हिस्सा नहीं थे. किसी तरह की कोई गड़बड़ी उनकी ओर से नहीं की गई है. 

नया बोर्ड नियुक्त

सरकार ने बीते साल IL&FS में लगातार डिफाल्ट के बाद कंपनी का बोर्ड बदलकर नया बोर्ड नियुक्त किया था. IL&FS का नया बोर्ड कंपनी की करीब 90 हजार करोड़ रुपए की देनदारियों को चुकाने के लिए ग्रुप की संपत्तियों को बेचकर पैसा जुटाने की कोशिश कर रहा है.

नई मुश्किल

> MCA ने ऑडिटर्स की संपत्ति फ्रीज करने की अर्जी दी

> ऑडिटर्स ने केस चलाने को NCLAT में चुनौती दी

> NCLAT में अर्जी पर 19 अगस्त को सुनवाई होगी

> बीते साल 1 अक्टूबर को सरकार ने बोर्ड बदला था

> पुराने बोर्ड को हटाकर नया बोर्ड नियुक्त किया था

> नए बोर्ड पर 91000 Cr रु की देनदारी चुकाने का जिम्मा