Maharatna Company: महारत्न कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने एक बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत तक SAIL स्पेशल रेल (Head hardened (HH Rails) का प्रोडक्शन शुरू कर सकती है. एचएच रेल का इस्तेमाल मेट्रो और फ्रेट कॉरिडोर में होता है. हालांकि, यह अभी ट्रायल प्रोडक्शन होगा. इस हफ्ते यह स्टॉक 89 रुपए पर बंद हुआ. सोमवार को यहां एक्शन दिख सकता है.

अगस्त में होने वाला था ट्रायल टाल दिया गया था

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अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि सेल ने पहले अगस्त में एचएच रेल का परीक्षण उत्पादन शुरू करनी की योजना बनाई थी, लेकिन भारतीय रेलवे से 880 ग्रेड जैसी सामान्य रेल की मांग आने के कारण इसे टाल दिया गया.’’ चेयरमैन ने कहा, ‘‘हमारे पास टेक्नोलॉजी है. हमने इसकी (एचएच रेल उत्पादन) योजना बनाई थी, लेकिन फिर…उन्होंने (रेलवे) हमसे परीक्षण टालने का अनुरोध किया और अब यह अक्टूबर के अंत में शुरू होगा.’’

मेट्रो और मालगाड़ी में होता है इस्तेमाल

एचएच रेल उच्च गति वाले माल गलियारों और मेट्रो रेल परियोजनाओं में उपयोग की जाने वाली विशेष रेल हैं. ऐसी रेल सामान्य रेल की तुलना में लगभग 50 फीसदी अधिक दबाव सहन करने के लिए ‘हेड हार्डनिंग’ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर तैयार की जाती हैं.’’सेल ने छत्तीसगढ़ में अपने भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) में नई यूनिवर्सल रेल मिल (यूआरएम) में एचएच रेल के उत्पादन के लिए सुविधाएं स्थापित की हैं, और इसके लिए ‘कोल्ड’ परीक्षण पहले ही पूरा हो चुका है. सेल एचएच रेल का उत्पादन शुरू करने वाली देश की दूसरी कंपनी होगी. 

जिंदल स्टील एंड पावर भी बनाती है स्पेशल रेल

जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) छत्तीसगढ़ के रायगढ़ स्थित अपने संयंत्र में एचएच रेल का उत्पादन करती है. प्रकाश ने कहा कि सेल पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर इस्पात संयंत्र (डीएसपी) में रेलवे के लिए फोर्ज व्हील का भी उत्पादन करती है. उन्होंने कहा कि रेल और पहियों की आपूर्ति भारतीय रेलवे को की जाती है. 

बड़े पैमाने पर होता है कोयले का आयात

कोकिंग कोयले की खरीद पर प्रकाश ने कहा, ‘‘हम ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, रूस और इंडोनेशिया के विभिन्न स्रोतों से कोकिंग कोयला लेते हैं. मोजाम्बिक में हमारी एक संयुक्त उद्यम कंपनी भी है.’’ सेल ने 2023-24 की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान रूस से 75,000-75,000 टन कोकिंग कोयले की आठ खेप मंगाई हैं.

मोजाम्बिक में प्रोडक्शन बढ़ाने पर फोकस

उन्होंने बताया कि कोकिंग कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए मोजाम्बिक स्थित आईसीवीएल की उत्पादन क्षमता को 20 लाख टन सालाना से बढ़ाकर 40 लाख टन सालाना करने की योजना है और इस बारे में एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है. मोजाम्बिक स्थित आईसीवीएल विदेशों में कोयला खदानों और संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए सेल, आरआईएनएल, एनएमडीसी, सीआईएल और एनटीपीसी की एक विशेष उद्देश्यीय इकाई है.

कोकिंग कोल की कीमत बढ़ने का मार्जिन पर होगा असर

कोकिंग कोयले की बढ़ती कीमतों पर चेयरमैन ने कहा कि इसका सीधा असर उत्पादन लागत पर पड़ेगा और लाभ मार्जिन पर दबाव बनेगा. जून-जुलाई, 2023 में कोकिंग कोयले की कीमतें 230 डॉलर प्रति टन थीं, जो सितंबर के अंत में भारत में 341 डॉलर प्रति टन सीएफआर (लागत और माल ढुलाई) पर पहुंच गईं. निर्यात पर कार्बन सीमा समायोजन कर (सीबीएएम) के यूरोपीय संघ की व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि इससे भारतीय निर्यातकों के लिए यूरोप को आपूर्ति की लागत बढ़ेगी. ‘यूरोप अभी इसपर काम कर रहा है. ऐसे में इसके प्रभाव का सटीक आकलन करना संभव नहीं है.’’

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