दिग्गज महारत्न कंपनी (Maharatna Company) भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही का रिजल्ट (BHEL Q1 results) जारी किया है. जून तिमाही में कंपनी को 343.89 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. एक साल पहले समान तमाही में कंपनी को 187.9 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था. हालांकि, मार्च तिमाही में कंपनी को 611 करोड़ रुपए का तगड़ा मुनाफा हुआ था. रेवेन्यू में 7.1 फीसदी की सालाना तेजी रही और यह 5003 करोड़ रुपए का रहा. यह शेयर आज 1.8 फीसदी की गिरावट के साथ 99 रुरए के स्तर पर बंद हुआ. BHEL का कारोबार 88 देशों में फैला हुआ है.
BHEL Q1 Result Updates
BSE की वेबसाइट पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक, कंसोलिडेटेड आधार पर इस महारत्न कंपनी को जून तिमाही में 344 करोड़ रुपए का घाटा हुआ. ऑपरेशनल इनकम 5003 करोड़ रुपए रही. अलग-अलग सेगमेंट के रेवेन्यू की बात करें तो पावर सेक्टर का रेवेन्यू 3819 करोड़ रुपए, इंडस्ट्रियल रेवेन्यू 999.21 करोड़ रुपए रहा. नुकसान में पावर सेगमेंट का योगदान 120 करोड़ रुपए और इंडस्ट्रियल सेगमेंट का योगदान 43.22 करोड़ रुपए रहा. बता दें कि मार्च तिमाही में कंपनी को 611 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था. ऑपरेशनल रेवेन्यू 8227 करोड़ रुपए का रहा.
EBITDA मार्जिन में आया सुधार
कंपनी के EBITDA में 14.9 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया और यह 902.7 करोड़ रुपए से बढ़कर 1037.4 करोड़ रुपए रहा. EBITDA मार्जिन में भी सुधार आया है. सालाना आधार पर यह 19.3 फीसदी से बढ़कर 20.7 फीसदी रहा.
88 देशों में कंपनी का बिजनेस
BHEL की गिनती देश के दिग्गज कंपनी में होती है. इसका कारोबार डिजाइन, इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, टेस्टिंग, कमिशनिंग समेत कई क्षेत्रों में फैला हुआ है. यह अपने कस्टमर्स को 180 अलग-अलग प्रोडक्ट्स ऑफर करती है. ग्लोबल प्रजेंस की बात करें तो इसका कारोबार दुनिया के 88 देशों में फैला हुआ है. कंपनी का बिजनेस नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप, एशिया और ओसियाना- ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे देशों में फैला हुआ है.
कई सेक्टर में फैला हुआ है कारोबार
BHEL स्ट्रैटिजिक तौर पर बहुत अहम कंपनी है. इसका कारोबार ट्रांसपोर्टेशन, डिफेंस, एयरोस्पेस, ऑयल एंड गैस, पावर, ट्रांसमिशन, रिन्यूएबल एनर्जी जैसे क्षेत्र में है. देश में 74 फीसदी स्वदेशी परमाणु ऊर्जा संयंत्र में BHEL के बनाए गए टरबाइन जेनरेटर का इस्तेमाल होता है. यह रेलवे के लिए भी काम करती है और ट्रेन के लिए ट्रैक्शन मोटर बनाती है. इंडियन नेवी के स्वदेशी त्रिशूल मिसाइल लॉन्चर को BHEL ने ही डेवलप किया है.
पावर सेक्टर में भी अहम रोल
BHEL की गिनती दुनिया की उन चुनिंदा कंपनियों में होती है जो पावर प्लांट के लिए जरूरी सभी तरह का इक्विपमेंट और कंपोनेंट बनाती है. यह पावर प्रोजेक्ट में कोल, गैस, न्यूक्लियर, डीजल, हाइड्रो और सोलर, हर तरह के प्रोजेक्ट्स के लिए जरूरी सेट-अप तैयार करने में सक्षम है.
बाजार बंद होने के बाद आया इस महारत्न कंपनी का Q1 रिजल्ट, 88 देशों में फैला हुआ है इसका कारोबार; पूरी डीटेल