नित्यानंद शर्मा. दूध के जिस खाली पाउच को अभी आप कूड़े में डाल देते हैं, अब उसके बदले आपको पैसे मिलेंगे. महाराष्ट्र सरकार पर्यावरण को ध्यान में रखकर इस दिशा में कदम उठा रही है. महाराष्ट्र सरकार ने राज्‍य में प्‍लास्टिक पर लगाम लगाने की कवायद के तहत फैसला है कि अब लोगों को खाली दूध की थैली विक्रेता को वापिस करनी होगी. यह फैसला प्लास्टिक थैलियों पर रोक लगाने के लिए लिया गया है. इसकी एवज में खाली थैली के लिए विक्रेता को प्रति थैली 50 पैसे लोगों को डिपॉजिट के तौर पर देने होंगे. दरअसल, महाराष्ट्र में प्रतिदिन 1 करोड़ दूध की थैलियां यानी करीब 31 टन प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें कमी लाने के लिए प्लास्टिक पाबंदी के तहत यह फैसला लिया गया है.

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इससे पहले राज्य के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने कहा कि डेयरी कंपनियों को प्लास्टिक मिल्क पाउच को वापस जमा करने और उनकी रिसाइकलिंग के उपाए करने होंगे. इसके लिए कंपनियां इन पाउच को ग्राहकों से वापस खरीदेंगी. सरकार ने 28 मई को कदम ने प्लास्टिक पाउच को वापस खरीदने की योजना तैयार करने के लिए 15 दिन का समय दिया था. हालांकि डेयरी कंपनियो को इस योजना के लिए तैयार होने में थोड़ा अधिक समय लगा. उन्होंने डेयरी कंपनियों ने रिसाइकलिंग प्लांट तैयार करने के लिए भी कहा है. 

कदम के मुताबिक, 'अगर दूध के पाउच की कोई कीमत नहीं होगी, तो लोग पाउच वापस नहीं करेंगे. इसलिए हमने डेयरी कंपनियों ने कहा है कि वे प्रति पाउच 50 पैसे दें और उन्हें जमा करके रिसाइकल कर दें.' उन्होंने बताया कि डेयरी कंपनियां ऐसा करने के लिए तैयार हो गई हैं. डेयरी कंपनियों के साथ लंबी बातचीत के बाद अब इस योजना को अमली जामा पहना दिया गया है. आम लोगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.