एलएंडटी समूह के चेयरमैन ए एम नाइक ने कहा है कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी) के एजेंडे में माइंडट्री का अधिग्रहण सबसे ऊपर है. उन्होंने यह भी कहा कि यह मझोली आईटी कंपनी अंतत: एक बड़ी कंपनी में बनने जा रही है. नाइक ने कहा कि समूह माइंड ट्री में अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने को लेकर लगभग 10 दिनों में खुली पेशकश करेगा.

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वार्षिक 20 अरब डॉलर मूल्य का विविध प्रकार का काम करने वाले एलएंडटी समूह की इस कंपनी में अभी कुल मिलाकर इस आईटी कंपनी में करीब 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है. उन्होंने कहा, ‘‘हम निरंतर आने वाले अवसरों को देखते रहते हैं लेकिन फिलहाल हमारा दिमाग पूरी तरह माइंड ट्री पर टिका है और मुझे उम्मीद है कि हम इससे अंतत: एक बड़ी कंपनी में तब्दील करने में कामयाब होंगे.’’ 

नाइक ने कहा कि माइंड ट्री का अधिग्रहण एल एंड टी के एजेंडा में सबसे ऊपर है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें माइंड ट्री में करीब 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की है और हम 51 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राप्त करने तक इंतजार करेंगे. खुली पेशकश करीब 10-12 दिनों में शुरू की जाएगी.’’ 

नाइक एल एंड टी से 1965 में बतौर जूनियर इंजीनियर जुड़े. वह 1999 में सीईओ और प्रबंध निदेशक तथा 2003 में चेयरमैन बने. वर्ष 2017 में वह कार्यकारी जिम्मेदारी से हट गये और समूह के चेयरमैन बने. खुली पेशकश में देरी के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘करीब 10 दिनों में यह शुरू होगा.’’ 

माइंड ट्री के प्रवर्तकों की अधिग्रहण बोली के बारे में विस्तार से बताते हुए नाइक ने कहा कि वे स्पष्ट रूप से अपनी कंपनी से जुड़े हैं, इसीलिए वे छोड़ना नहीं चाहते. लेकिन अब इस बात को समझने लगे हैं कि एल एंड टी अच्छी कंपनी है और कर्मचारी केंद्रित संगठन है.

उन्होंने कहा, ‘‘धीरे-धीरे वे यह भी महसूस करने लगे हैं कि वे हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं. कुल मिलाकर यह करीब 12 प्रतिशत (हिस्सेदारी) है और हम यह नहीं कह रहे कि आप बेचिये और जाइये. जब कभी वे बेचते हैं या बेचना चाहते हैं, वे हमें बेचें. हम उसे खरीदेंगे.’’ नाइक ने जोर देकर कहा कि माइंड ट्री एक अरब डॉलर से अधिक का अधिग्रहण है और इस खंड में वृद्धि की काफी संभावना है.

इससे पहले, एल एंड टी ने माइंड ट्री में करीब 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 3,210 करोड़ रुपये में वी जी सिद्धार्थ और कैफे काफी डे से खरीदी. कंपनी माइंड ट्री में 10,800 करोड़ रुपये में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी पर नजर है. इसे सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी में पहला जबरन अधिग्रहण माना जा रहा है. इससे पहले, एल एंड टी ने खुली पेशकश के जरिये अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने का प्रस्ताव किया था. यह 14 मई को शुरू होता और 27 मई को बंद होता.