Big-4 के खिलाफ यूं ही नहीं उठती हैं आवाजें, ऑडिटिंग में ये फर्म्स अक्सर करती हैं धांधली, इनकी नाक के नीचे हो जाता है अरबों का SCAM!
बिग-4 दुनिया की टॉप 4 ऑडिटिंग कंपनियां हैं, लेकिन इसके बावजूद इन पर उंगलियां उठती हैं. इसकी वजह ये है कि यह कंपनियां कई बार स्कैम करने वाली कंपनियों की सालों तक ऑडिटिंग करती रही हैं.
हाल ही में ICAI ने बिग-4 ऑडिटिंग फर्म में से एक EY पर बड़ा एक्शन लिया है. इसके तहत EY India की 3 इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है. तमाम रिपोर्ट, इनवॉइस, भुगतान और कम्युनिकेशन की जांच के बाद ICAI को पता चला है कि EY India की इन 3 इकाइयों ने ग्लोबल नेटवर्क फर्म्स को रेफरल फीस का भुगतान किया है, जो चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट का उल्लंघन है. इसने अपनी जांच में पाया कि EY India की 3 इकाइयों में प्रोफेशनल मिसकंडक्ट हुआ है यानी उनके काम में गड़बड़ियां देखने को मिली हैं.
बिग 4 ऑडिट फर्म्स (EY, Deloitte, PwC, KPMG) के खिलाफ आज से नहीं, बल्कि कई सालों से आवाजें उठ रही हैं. यह ऑडिट फर्म बेहद अहम हैं, क्योंकि तमाम विदेशी निवेशक इन्हें ही तरजीह देते हैं. वहीं इंटरनेशनल प्रैक्टिस और ट्रेंड के लिहाज से भी यह काफी अहमियत रखते हैं. 2010 में बनी ICAI कमेटी ने बिग-4 पर कई आरोप लगाए थे. यह भी आरोप था कि ये फर्म्स कंसल्टेंसी के नाम पर ऐसे काम करती हैं, जिनकी इजाजत नहीं है.
कई Scam से जुड़े हैं बिग-4 के तार
बिग-4 दुनिया की टॉप 4 ऑडिटिंग कंपनियां हैं, लेकिन इसके बावजूद इन पर उंगलियां उठती हैं. इसकी वजह ये है कि यह कंपनियां कई बार स्कैम करने वाली कंपनियों की सालों तक ऑडिटिंग करती रही हैं. लेहमन ब्रदर्स संकट कौन भूल सकता है, उसकी ऑडिटिंग EY यानी Ernst & Young किया करती थी. PwC के पूर्व ऑडिटर Subramani Gopalakrishnan और T Srinivas सत्यम घोटाले में राजू रामलिंग के साथ मिले हुए थे. आइए जानते हैं किन-किन Scam से जुड़े इन ऑडिटिंग फर्म के तार.
लेहमन ब्रदर्स
2001 से 2008 तक ऑडिटिंग फर्म EY लेहमन ब्रदर्स की ऑडिटर रही थी. आरोप लगा था कि इस ऑडिटिंग फर्म ने निवेशकों को गुमराह करने में लेहमन ब्रदर्स की मदद की थी. न्यूयॉर्क स्टेट अथॉरिटीज ने इसे लेकर केस फाइल किया था, जिसे सेटल करने के लिए लेहमन ब्रदर्स को 10 मिलियन डॉलर चुकाने पड़े. बता दें कि 2008 में ये बैंक दिवालिया हो गया था, जिसके चलते बहुत सारे लोगों के पैसे डूबे थे.
सत्यम घोटाला
बिग-4 में से एक ऑडिटिंग फर्म प्राइसवॉटरहाउसकूपर्स यानी PwC सत्यम घोटाले में लिप्त पाई गई थी. राजू रामलिंग के इस घोटाले ने शेयर बाजार की कमर तोड़ दी थी. PwC ही उस वक्त सत्यम कंप्यूटर सर्विसेस की ऑडिटिंग करती थी, जिसमें ऑडिटिंग फर्म के पूर्व ऑडिटर Subramani Gopalakrishnan और T Srinivas मिले हुए थे. यूएस सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन ने PwC पर 6 मिलियन डॉलर का फाइन भी लगाया था, क्योंकि उसने ऑडिटिंग के नियमों का उल्लंघन किया था. साथ ही सेबी ने 2018 में इस ऑडिटिंग फर्म पर 2 साल का बैन लगा दिया था यानी 2 साल तक वह किसी भारतीय कंपनी का ऑडिट नहीं कर सकती थी.
एवरग्रांडे ग्रुप की धोखाधड़ी
एवरग्रांडे ग्रुप पर लगे धोखाधड़ी के आरोप में भी बिग-4 की भूमिका देखी गई. कथित तौर पर कंपनी का फाउंडर ने 78 बिलियन डॉलर के राजस्व को काफी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया था. इसे चीन का सबसे बड़ा वित्तीय फ्रॉड कहा जा रहा था. बता दें कि इस मामले में भी PwC ही कंपनी की ऑडिटर थी. वह लगातार कंपनी का ऑडिट करती रही और उसकी नाक के नीचे इतना बड़ा फ्रॉड हो गया.
IL&FS मामला
IL&FS फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड के लिए 2015-16 और 2016-17 के लिए Deloitte ऑडिटर थी. वहीं 2017-18 में Deloitte और बीएसआर (KPMG की एफिलिएटेड फर्म) ने मिलकर कंपनी को ऑडिट किया था. वहीं 2018-19 में कंपनी की ऑडिटर बीएसआर थी. IL&FS में सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस ने इसकी 30 पार्टियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें डेलॉयट और बीएसआर भी शामिल थीं. IL&FS ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क IL&FS की सहायक कंपनी है, जिसने 2018 में दिवालियापन के लिए आवेदन दिया था. IL&FS का झटका सबसे बड़े वित्तीय संकटों में से एक था, जिसमें लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज शामिल था.
वियतनाम का बैंक घोटाला
इसी साल अप्रैल में वियतनाम में एक बैंक घोटाले का फैसला आया है, जिसमें दोषी महिला को फांसी की सजा सुनाई गई है. यह स्कैम करीब 12 अरब डॉलर यानी 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है. यह वियतनाम के इतिहास का सबसे बड़ा फाइनेंशियल स्कैम बताया जा रहा है. यह मामला Saigon Joint Stock Commercial Bank (SCB) का है, जिसकी मालिक ट्रॉन्ग माई लान (Truong My Lan) ने करीब 1 लाख करोड़ रुपये का स्कैम किया है. इस मामले में वियतनाम की कोर्ट ने Ernst & Young, Deloitte और KPMG की जांच के आदेश दिए हैं, जिन्होंने SCB के अकाउंट्स को ऑडिट किया था.