जॉनसन एंड जॉनसन (जेएंडजे) ने शु्क्रवार को कहा कि वह ‘हिप इम्प्लांट’से प्रभावित मरीजों को मुआवजा देने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने की दिशा में प्रयास कर रही है. इन हिप इम्प्लांट का विनिर्माण उसकी अनुषंगी डेप्यू इंटरनेशनल ने किया है. 

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 5 सितंबर को जॉनसन एंड जॉनसन को विशेषज्ञ समिति की सभी सिफारिशों का अनुपालन करने को कहा था. विशेषज्ञ समिति का गठन ‘खराब’ एएसआर हिप इम्प्लांट उपकरण को लेकर मिली शिकायतों की जांच के लिए किया गया था. मंत्रालय ने कहा था कि यह कंपनी की जिम्मेदारी है कि वह सभी मरीजों को मुआवजे का भुगतान करे.

जॉनसन एंड जॉनसन मेडिकल इंडिया के प्रवक्ता ने ईमेल से भेजे बयान में कहा, 'हम हमेशा भारत और शेष दुनिया में सभी एएसआर मरीजों को समर्थन देने को प्रतिबद्ध हैं.' बयान में कहा गया है कि इसी वजह से जेएंडजे ने अगस्त, 2010 में मरीजों के लिए खर्च की भरपाई कार्यक्रम शुरू किया है. 

प्रवक्ता ने कहा कि समिति की हालिया रिपोर्ट के मद्देनजर हम भारत सरकार के साथ मिलकर एक उचित प्रक्रिया विकसित कर रहे हैं, ताकि जरूरतमंद मरीजों को और समर्थन तथा मुआवजा दिया जा सके.

इनपुट भाषा से