Insurance News: इंश्योरेंस कंपनियों को बीमा रेगुलेटर आईआरडीएआई ने बड़ी राहत दी है. भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने इंश्योरेंस कंपनियों को हेल्थ और ज्यादातर जेनरल इंश्योरेंस (general insurance) प्रोडक्ट्स की पेशकश उसकी (इरडा) मंजूरी के बिना करने की परमिशन दे दी है. पीटीआई की इस खबर के मुताबिक, इस कदम से कारोबार में आसानी की स्थिति में सुधार होगा. साथ ही बीमा कंपनियां बिना नियामक की मंजूरी के ग्राहकों को अपने प्रोडक्ट्स की पेशकश कर सकेंगी.

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यूज एंड फाइल प्रक्रिया में हुआ बदलाव 

खबर के मुताबिक, इरडा (IRDAI) ने भारत को पूरी तरह बीमा के तहत लाने के लिए सभी स्वास्थ्य और लगभग सभी इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स के लिए ‘यूज एंड फाइल’ प्रक्रिया में बदलाव किया है. भारत को पूरी तरह ‘बीमा’ के तहत लाने के सुधार उपायों के तहत यह कदम उठाया गया है. इरडा ने कहा कि यह बीमा क्षेत्र में कारोबार में आसानी की दिशा में एक कदम है. 

क्या है मौजूदा व्यवस्था

मौजूदा व्यवस्था में प्रोडक्ट्स को ऐसी व्यवस्था में पेश करने के लिए पहले से परमिशन की जरूरत होती है, जबकि इन्हें बिना पूर्व-मंजूरी के पेश किया जा सकता है. बीमा नियामक (IRDAI) ने कहा इस पहल से बीमा उद्योग उपयुक्त उत्पादों को समय पर पेश करने में सक्षम होंगे.

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सरकार कंपनियों को देगी अतिरिक्त पूंजी 

सरकार चालू कारोबारी साल में पब्लिक सेक्टर की तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को 3,000 करोड़ से लेकर 5,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त पूंजी दे सकती है. इन कंपनियों को यह अतिरिक्त पूंजी साल के दौरान उनके प्रदर्शन और जरूरत के आधार पर दी जाएगी. पूंजी निवेश मिलने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरियंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की वित्तीय सेहत में सुधार होगा.