'देशी अनार, कई खरीदार' : विदेशों में भारतीय अनारों की धूम, एक साल में रु.500 करोड़ से ज्यादा का एक्सपोर्ट
भारत के अनार का एक्सपोर्ट $70 मिलियन यूएस डॉलर्स तक जा पहुंचा है.
Export of Pomegranate increases above Rs.500 Crs.: वैसे तो अपने यहां एक अनार कई बीमार की कहावत प्रचलित है, लेकिन भारत के देशी अनार के अब कई विदेशी खरिदार तैयार हो गए हैं. भारतीय अनार के साइज और क्वालिटी विदेशियों को जमकर भा रही है. यही वजह है कि एक साल के भीतर अनार का विदेशों में निर्यात 70 मिलियन यूएस डॉलर्स तक जा पहुंचा है. साल 2020-2021 के दरम्यान 70 मिलियन डॉलर्स यानी 514 करोड़ रुपए तक अनार का एक्सपोर्ट बाजार हो चुका है.
ये देश बड़े खरिदार
FIEO (The Federation of Indian Export Organisations) ने इस उपलब्धि को बाकायदा अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर के ये जानकारी दी है. FIEO ने जानकारी देकर बताया है कि भारतीय अनार के विदेशों में खरिदारों की फेहरिस्त में संयुक्त अरब अमिरात, कतर, नीदरलैंड, सौदी अरब, ओमान, नेपाल और बांग्लादेश तक है.
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महाराष्ट्र को कहा जाता है अनार का कटोरा
बता दें कि भारत में बड़े पैमाने पर अनार की पैदावार महाराष्ट्र राज्य में होती है. महाराष्ट्र में पश्चिम महाराष्ट्र को अनार का कटोरा भी कहा जाता है. यहां के सातारा, सांगली, सोलापुर, नाशिक, अहमदाबाद, पुणे में बड़े पैमाने पर अनार की बागबानी की जाती है. यहां बड़े और ऊंची क्वालिटी के अनार की पैदावार मिलती है. निर्यात गुणवत्ता वाले अनार की खेती में संगोला, मालशिरास, मंगलवेधा किस्म के डिमांड में रहते हैं. बताया जाता है कि सोलापुर जिला महाराष्ट्र में अनार के कुल उत्पादन का लगभग 85 प्रतिशत उत्पादन करता है. यह अपने ताज़ा मीठे रस, औषधीय और पोषण गुणों के लिए प्रसिद्ध है. GI टैग से सम्मानित महाराष्ट्र की खेती पर राज्य के 2 लाख लोग निर्भर करते हैं.