इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने अमेरिका के साथ 30 लाख टन कच्चा तेल खरीदने के लिए समझौता किया है. ऐसा पहली बार है जब किसी भारतीय रिफाइनिंग कंपनी ने अमेरिका से तेल खरीदने के लिए वार्षिक समझौता किया है. इस समझौते के तहत आगामी 1 अप्रैल से आईओसी तेल का आयात शुरू कर देगी. बताया जा रहा है कि अमेरिका से आईओसी को सस्ता तेल मिलेगा और उसकी लगात में कमी आएगी. भारत ने 2017 में अमेरिका से कच्चा तेल खरीदने की शुरुआत की थी, हालांकि ये खरीद खास मौकों तक सीमित थी. पहली बार किसी रिफाइनिंग कंपनी ने वार्षिक आधार पर अमेरिका से तेल खरीदने के लिए समझौता किया है. 

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इंडियन ऑयल ने बताया, '30 लाख टन क्रूड ऑयल की लागत करीब 1.5 अरब डॉलर आएगी. आईओसी पहली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जिसने यूएस ओरिजिन क्रूड ऑइल ग्रेड के लिए कोई समझौता किया है.' इससे पहले सरकारी रिफाइनरी कंपनियां अमेरिका से स्पॉट मार्केट के जरिये कच्चे तेल की खरीदारी कर रहती थीं. यह खरीदारी टेंडर बेसिस पर होती थी.

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने बताया है कि कंपनी ने अमेरिका के साथ 30 लाख टन क्रूड ऑइल खरीदने का समझौता किया है. इससे पहले आईओसी ने कच्चा तेल खरीदने के लिए अमेरिका के साथ पिछले साल अगस्त में टर्म-टेंडर डील साइन की थी. उस समय नवंबर 2018 से जनवरी 2019 के बीच डिलीवरी के वादे के साथ कंपनी ने 60 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदने का समझौता किया था. यह सौदा सिंगल टेंडर के जरिये हुआ था.

आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल जैसी सरकारी कंपनियां खासतौर पर पश्चिम एशिया की राष्ट्रीय तेल कंपनियों के साथ तेल खरीदने के लिए सालाना करार करती हैं. पिछले साल इस परंपरा को तोड़ते हुए आईओसी ने अमेरिका से एक कार्गो क्रूड ऑइल के लिए टेंडर दिया था. कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि अब बोर्ड ने सालाना करार के आधार पर अमेरिका से तेल खरीदने की इजाजत दे दी है.