भारतीय ई-कॉमर्स बाजार साल 2022 तक 100 अरब डॉलर से अधिक का होगा, जिसमें वर्तमान स्तर से 25 फीसदी की वृद्धि होगी. एक रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि ई-कॉमर्स खंड में देश में साल 2023 तक 10 लाख से ज्यादा रोजगार पैदा करने की क्षमता है. रिपोर्ट में कहा गया, अगले पांच वर्षों में 35 अरब डॉलर का भारतीय ई-कॉमर्स बाजार 25 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है और 2022 तक 100 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगा.

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पीडब्ल्यूसी और नैसकॉम द्वारा संयुक्त रूप जारी रिपोर्ट- 'ई-कॉमर्स में वैश्विक नेतृत्व की तरफ भारत को बढ़ावा देना' में कहा गया है कि इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए देश में ई-कॉमर्स नीति को सुसंगत बनाने की आवश्यकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑनलाइन वित्तीय सेवाओं में आनेवाले वर्षों में तेज वृद्धि होगी, हालांकि 90 फीसदी ई-कॉमर्स बाजार ई-टेल (इलेक्ट्रॉनिक रिटेल) और ई-ट्रैवल सेवा प्रदाताओं का होगा. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2034 तक भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स बाजार बन जाएगा.

तेजी से उभरते भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग में 2017 में 211 करोड़ डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदे हए. भारत में ई-कॉमर्स के क्षेत्र में अबतक का सबसे बड़ा सौदा वालमार्ट-फेसबुक है. इस सौदे को हाल ही में अंतिम रूप दिया गया है. इसमें वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 16 अरब डॉलर का निवेश किया है. इसमें कंपनी के पास फ्लिपकार्ट में 77 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. भारत में अब वॉलमार्ट का सीधा मुकाबला अमेजन से होगा.