Palm Oil Ban: इंडोनेशिया से पाम ऑयल के निर्यात पर रोक का भारत पर होगा क्या असर, सरकार ने स्पष्ट की स्थिति
Indonesia Palm Oil Export Ban: सरकार ने कहा कि देश में वर्तमान में स्टॉक में लगभग 2.1 मिलियन टन खाद्य तेल हैं, जबकि अन्य 1.2 मिलियन टन निर्यात करने वाले देशों से मई में आने की उम्मीद है.
Indonesia Palm Oil Export Ban: इंडोनेशिया के पाम ऑयल निर्यात पर बैन (Indonesia Palm Oil Export Ban) लगाने से भारतीय बाजार में इसकी कमी देखने को मिल सकती है. इंडोनेशिया ने 28 अप्रैल से पाम ऑयल का एक्सपोर्ट बंद करने का फैसला किया है. इसके बाद से ही इंडोनेशिया के इस फैसले को लेकर चर्चाओं का माहौल गर्म है.
अब इस पर सरकार की ओर से भी स्पष्टीकरण दे दिया गया है. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि भारत के पास सभी खाद्य तेलों का इष्टतम भंडार है. उद्योग के सूत्रों के अनुसार, देश में सभी खाद्य तेलों का वर्तमान स्टॉक लगभग 21 एलएमटी है. ऐसे में आने वाले कुछ समय के लिए भारत इंडोनेशिया के पाम ऑयल बैन होने के बावजूद भी तेल की मांगों को पूरा कर सकता है.
लगभग 2.1 मिलियन टन खाद्य तेल देश में मौजूद
सरकार ने कहा कि देश में वर्तमान में स्टॉक में लगभग 2.1 मिलियन टन खाद्य तेल हैं, जबकि अन्य 1.2 मिलियन टन निर्यात करने वाले देशों से मई में आने की उम्मीद है. ये निर्यात पर प्रतिबंध के कारण कमजोर अवधि को कवर करने के लिए पर्याप्त होंगे. हालांकि, पिछले हफ्ते दुनिया के सबसे बड़े पाम तेल उत्पादक इंडोनेशिया द्वारा निर्यात पर अचानक प्रतिबंध लगाने से तेल की कीमतें फिर से बढ़ने की उम्मीद है.
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बढ़ सकते हैं तेल के दाम
भारत के अलावा दुनियाभर में केक और फ्राइंग वसा से लेकर सौंदर्य प्रसाधन और सफाई उत्पादों तक हर चीज में ताड़ के तेल का उपयोग किया जाता है. इस पर सवाल उठ रहे हैं कि प्रतिबंध कब तक लागू रहेगा. व्यापार सूत्रों ने खाद्य तेलों और पाम तेल आधारित उत्पादों की घरेलू कीमतों में आपूर्ति के अभाव के कारण अल्पावधि में कम से कम 7-10 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद की है.
घरेलू बाजार में कीमतों पर होगा असर
इंडोनेशिया से पाम ऑयल के एक्सपोर्ट बैन होने का सीधा असर भारत को होने वाली सप्लाई पर होगा. ऐसे में घरेलू बाजार में कीमतों पर दबाव देखने को मिल सकता है. इससे पहले, जनवरी में इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया था, हालांकि बैन को मार्च में हटा लिया गया था. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस बार यह बैन कब तक रहता है.