पराली अब वेस्ट नहीं, वेल्थ का बनेगी जरिया, IKEA बनाएगी पुआल से बने उत्पाद
IKEA इस बारे में केंद्र और राज्य सरकारों, निजी कंपनियों, नवोन्मेषकों, एनजीओ, आपूर्तिकर्ताओं तथा किसानों के साथ मिलकर काम कर रही है.
इस पहल में पहले कदम के तहत भारत के उत्तरी इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
इस पहल में पहले कदम के तहत भारत के उत्तरी इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
स्वीडन की घरेलू फर्नीचर कंपनी आइकिया धान की पुआल से बने उत्पाद पेश करने की योजना बना रही है. आइकिया का इरादा पुआल को अपने उत्पादों में एक प्रमुख सामग्री बनाने का है. आइकिया यह पहल ऐसे समय करने जा रही है जबकि उत्तर भारत में पराली जलाने से वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ रहा है. आइकिया ने बयान में कहा कि पुआल से बना पहला ‘प्रोटोटाइम’ इस साल के अंत तक पेश करेगी. उसका इरादा 2019-20 से इसकी बिक्री भारत में करने का है. बताया जा रहा है कि इस पहल से आने वाले समय में किसानों को इसका फायदा मिलेगा.
भारत से होगी शुरुआत
आइकिया ने स्पष्ट किया कि धीरे-धीरे इसका विस्तार अन्य वैश्विक बाजारों में किया जाएगा. स्वीडन के आल्महंट की कंपनी अपने ‘बेहतर वायु अब’पहल के तहत दुनिया के सबसे बड़े पर्यावरण मुद्दे पर कुछ करना चाहती है. इसकी शुरुआत वह भारत से करेगी.
आइिकया इस बारे में केंद्र और राज्य सरकारों, निजी कंपनियों, नवोन्मेषकों, एनजीओ, आपूर्तिकर्ताओं तथा किसानों के साथ मिलकर काम कर रही है. कंपनी की दीर्घावधि की महत्वाकांक्षा गांवों में इस तरीके से योगदान देने का है जिससे वहां धान के पुआल को जलाने को पूरी तरह समाप्त किया जा सके.
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पहले उत्तरी इलाकों पर होगा ध्यान
इंटर आइकिया ग्रुप की पर्यावरण अनुकूल कारोबार की प्रबंधक लीना प्रिप कोवाक ने कहा, ‘‘आइकिया लगातार बेहतर पर्यावरण में योगदान दे रही है. हमारी प्रमुख प्राथमिकता स्वच्छ हवा और ‘बेहतर वायु अब’ है. यह इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
इस पहल में पहले कदम के तहत भारत के उत्तरी इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इसमें एनसीआर भी शामिल है. कोवाक ने कहा कि हमारी महत्वाकांक्षा बाद में इस पहल को देश के अन्य इलाकों में ले जाने और ऐसा मॉडल बनाने की है जिससे दुनिया के अन्य बड़े शहरों में वायु प्रदूषण को कम किया जा सके.
(इनपुट एजेंसी से)
12:38 PM IST