Real Estate: मकानों की कीमत बीते एक साल में इन नौ शहरों में बढ़ी, जानें क्या हैं रेट
Real Estate: जनवरी-मार्च 2020 के दौरान सात शहरों में मकानों की औसत कीमत बढ़ी है. जबकि एक शहर में यह स्थिर और एक शहर में कीमतों में गिरावट देखी गई है. कीमतों में यह बढ़ोतरी पिछले साल के मुकाबले है.
Real Estate: देश के नौ प्रमुख शहरों में पिछले एक साल में मकानों/फ्लैट की कीमतों (Flat price) में नौ प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है. यह बढ़ोतरी मार्केट में डिमांड (Real Estate Market Demand) घटने और जरूरत से ज्यादा सप्लाई के बावजूद देखी गई है. पीटीआई के मुताबिक, प्रॉपर्टी एडवाइजर कंपनी प्रॉप टाइगर ने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट- रीयल इनसाइट: जनवरी-मार्च 2020 जारी की है.
प्रॉप टाइगर की इस रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2020 के दौरान सात शहरों में मकानों की औसत कीमत बढ़ी है. जबकि एक शहर में यह स्थिर और एक शहर में कीमतों में गिरावट देखी गई है. कीमतों में यह बढ़ोतरी पिछले साल के मुकाबले है.
यह रिपोर्ट प्राइमरी मार्केट के अपार्टमेंट की कीमतों के आधार पर तैयार की गई है. इसमें एक बार बिकने बाद दोबारा बिक्री वाले घरों के दाम में बढ़ोतरी शामिल नहीं है. आंकडों के मुताबिक मकान की बेस प्राइस में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी नौ प्रतिशत हैदराबाद में देखी गई है. यहां कीमतें 5,434 रुपये प्रति वर्ग फुट पहु्ंच गई हैं.
इसी तरह, अहमदाबाद में मकानों की कीमत छह प्रतिशत बढ़कर 3,032 रुपये प्रति वर्गफुट, पुणे में चार प्रतिशत बढ़कर 5,017 रुपये प्रति वर्गफुट, बेंगलुरु और कोलकाता में तीन प्रतिशत बढ़कर क्रमश: 5,275 रुपये प्रति वर्गफुट और 4,134 रुपये प्रति वर्गफुट, मुंबई महानगर क्षेत्र में दो प्रतिशत बढ़कर 9,472 रुपये प्रति वर्गफुट और नोएडा में एक प्रतिशत बढ़कर 3,922 रुपये प्रति वर्गफुट पर पहुंच गई.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:
वहीं, चेन्नई में यह कीमत 5,184 रुपये प्रति वर्गफुट के लेवल पर स्थिर रही. जबकि गुरुग्राम में मकान की कीमतें एक प्रतिशत घटकर 4,893 रुपये प्रति वर्गफुट पर आ गई. रीयल एस्टेट के जानकारों का मानना है कि इस साल मकानों की बिक्री पर बुरा असर पड़ सकता है. नए लॉन्च प्रोजेक्ट्स पर 65 प्रतिशत असर देखने को मिल सकता है. इतना ही नहीं ऑफिस स्पेस की डिमांड में भी कमी आएगी.