HDFC ने डिपॉजिटर्स को नहीं दिए थे मैच्योरिटी के बाद डिपॉजिट के पैसे, RBI ने लगाया ₹5 लाख का जुर्माना, पढ़ें डीटेल
HDFC Penalized: आरबीआई ने बयान में बताया कि निरीक्षण में इसका खुलासा हुआ कि कंपनी 2019-20 के दौरान कुछ जमाकर्ताओं की मैच्योर्ड जमा राशि को उनके नॉमिनेटेडट बैंक अकाउंट्स में ट्रांसफर नहीं कर सकी.
HDFC Penalized: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने HDFC पर राष्ट्रीय आवास बैंक (National Housing Bank) के कुछ प्रावधानों को पूरा नहीं करने के लिए हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (Housing Development Finance Corporation-HDFC) पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी की 31 मार्च, 2022 को वित्तीय स्थिति के आधार पर एनएचबी ने कंपनी का सांविधिक निरीक्षण किया था. आरबीआई ने बयान में बताया कि निरीक्षण में इसका खुलासा हुआ कि कंपनी 2019-20 के दौरान कुछ जमाकर्ताओं की मैच्योर्ड जमा राशि को उनके नॉमिनेटेडट बैंक अकाउंट्स में ट्रांसफर नहीं कर सकी.
कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था
आरबीआई के बयान के अनुसार, कंपनी की ओर से मैच्योर्ड अमाउंट जारी न करने की बात सामने आने के बाद कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था कि क्यों न उसपर जुर्माना लगाया जाए, जिसपर कंपनी की ओर से जवाब दिया गया. बयान में कहा गया, “कंपनी के जवाब पर विचार करने के बाद, रिजर्व बैंक इस नतीजे पर पहुंचा कि प्रावधानों को नहीं मानने का आरोप पर्याप्त है और उसपर जुर्माना लगाया जाना चाहिए.’’
इस महीने एक सहकारी बैंक पर भी आरबीआई ने लगाया है जुर्माना
आरबीआई ने पिछले दिनों बिगड़ती वित्तीय स्थिति के कारण तमिलनाडु स्थित मुसिरी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर कई प्रतिबंध लगाए थे. इन प्रतिबंधों में पैसा निकालने पर 5,000 रुपये की सीमा लगाया जाना शामिल है. सहकारी बैंक पर प्रतिबंध 3 मार्च को कारोबार बंद होने के बाद से अगले छह महीने तक लागू हो चुका है. प्रतिबंधों के साथ, सहकारी बैंक, आरबीआई की मंजूरी के बिना, ऋण नहीं दे सकता है, कोई निवेश नहीं कर सकता है और कोई भुगतान नहीं कर सकता है. बैंक अन्य चीजों के अलावा अपनी किसी भी संपत्ति का निपटारा भी नहीं कर सकता है. बैंक को खासकर सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि के 5,000 रुपये से अधिक राशि के निकासी करने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा, पात्र जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम से पांच लाख रुपये तक की जमा राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे. हालांकि, रिजर्व बैंक ने कहा कि इन निर्देशों को बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.
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