देश में तैयार उत्पाद उम्दा क्वालिटी के होते हैं, लेकिन कई बार अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरे नहीं उतरने के कारण विदेशों से उत्पादों की खेप वापस आ जाती है. इससे सामान तैयार करने वाले उत्पादकों को तो आर्थिक नुकसान होता ही है, साथ ही देश की साख भी खराब होती है. इसके लिए जरूरी है कि किसी भी उत्पाद को एक्सपोर्ट करने से पहले उसे इंटरनेशनल मानकों पर जांच लेना चाहिए. 

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राजस्थान में तैयार होने वाले हस्त निर्मित उत्पाद (हैंडीक्राफ्ट) निर्यातकों के सैंपलों की जांच के लिए जयपुर में हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्टिविटी सेंटर तथा टेस्टिंग लैब शुरू की गई है. केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने इस प्रोडक्टिविटी सेंटर और टेस्टिंग लैब का उद्घाटन किया.  

हैंडीक्राफ्ट लैब में 135 तरह की जांच हो सकेगी. इसके लिए अंतराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं. 6 करोड़ रुपये की लागत से बने हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्टिविटी सेंटर और टेस्टिंग लैब अब प्रदेश से ही उत्पादों की क्लीयरेंस देकर भेजेगी. 

135 तरह की होंगी टेस्टिंग

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यह सेंटर राजस्थान की कलाकृति को समर्पित है. राजस्थान के शिल्पकारों से लगातार मिलना हुआ है. कुछ मांगें उठाई गईं जो पूरी की गईं. टेस्टिंग लैब में 135 अगल-अलग उत्पादों के टेस्ट हो सकेंगे. इस सेंटर के जरिये कौशल विकास को भी बल मिलेगा. 

कारीगरों को करें शिक्षित

हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्टिविटी सेंटर और टेस्टिंग लैब के उद्धघाटन समारोह में स्मृति ईरानी ने निर्यातकों से कहा कि कारीगरों और उनके बच्चों की शिक्षा का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. कारीगरों की शिक्षा के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत 75 फीसदी फीस वहन की जाएगी. वहीं शिल्पकारों के लिए टूल किट खरीदने के लिए मुफ्त व्यवस्था की गई है. 

राजस्थान के हैंडीक्राफ्ट उत्पादों की विश्व में भारी मांग है. देश में शीर्ष हैँडीक्राफ्ट प्रदेशों में से एक राजस्थान है. इस टैस्टिंग लैब के संचालित होने से विदेशों में पहुंचे उत्पादों के उनके मापदंडों पर फेल होने का खतरा कम होगा.

(जयपुर से अंकित तिवाड़ी)