सार्वजनिक कंपनियों की संपत्तियां बेचकर धन जुटाएगी सरकार
पिछले साल सरकार ने विनिवेश के जरिये 1.03 लाख रुपये से अधिक की पूंजी जुटाई थी.
सरकार ने रणनीतिक बिक्री के लिये चुनिंदा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसई) की कुछ परिसंप्तियों की पहचान की है. इनमें जमीन और अन्य संपत्तियां शामिल हैं. इन सीपीएसई की संपत्तियों की बिक्री सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की चुनिंदा कंपनियों के रणनीतिक विनिवेश से पहले करेगी.
कुल 24 सीपीएसई को रणनीतिक बिक्री के लिये सैद्धांतिक मजूंरी मिली है. सरकार ने इनमें से नौ कंपनियों की कुछ परिसंपत्तियों की पहचान की है, जिन्हें अलग-अलग किया जायेगा और फिर अलग-अलग इनका निपटान किया जायेगा.
इन नौ कंपनियों में पवन हंस, स्कूटर्स इंडिया, एयर इंडिया, भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड, प्रोजेक्ट एंड डेवलपमेंट इंडिया लिमिटेड (पीडीआईएल), हिंदुस्तान फ्रीफैब, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट लिमिटेड, ब्रिज एंड रूफ कंपनी और हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन्स शामिल हैं. पहचान की अधिकांश संपत्तियों में जमीन और आवासीय फ्लैट शामिल हैं.
एयर इंडिया के मामले में, घाटे में चल रही एयरलाइन की चार अनुषंगियों की बिक्री की जाएगी. इनमें एयरलाइन एलाइड सर्विसेज लिमिटेड (एएएसएल) और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एचसीआई) शामिल हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में एयर इंडिया के मुख्यालय और देश के विभिन्न हिस्सों में उसके भूखंडों और इमारतों को भी निपटान के लिये अलग किया जायेगा. इसके अलावा कंपनी के पास मौजूद कलाकृतियों को भी बिक्री के लिये रखा जायेगा.
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिये रणनीतिक बिक्री एवं सार्वजनिक कंपनियों में अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री से 80,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. अब तक सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हिस्सेदारी का विनिवेश करके 9,220 करोड़ रुपये जुटाये हैं. पिछले साल सरकार ने विनिवेश के जरिये 1.03 लाख रुपये से अधिक की पूंजी जुटाई थी.
(इनपुट भाषा से)