लिस्टेड कंपनियों (Listed Companies) के बोर्ड में इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स (Independent Directors) की नियुक्ति में छोटे निवेशकों की भूमिका बढ़ाई जाएगी. कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय (Corporate Affairs Ministry) इसके लिए कंपनी कानून में बदलाव पर विचार कर रहा है. 'जी बिजनेस' को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति में दोहरा वोटिंग सिस्टम लाना चाहती है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अनलिस्‍टेड कंपनियों में भी लागू होगा नियम

इसके तहत एक बार इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति पर प्रमोटर्स और बड़े वोटर्स की वोटिंग के बाद माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स से भी वोटिंग कराई जाएगी. अगर मैनेजमेंट माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स के विरोध को नज़रअंदाज़ करता है तो इससे कंपनी की छवि पर बुरा असर पड़ेगा. पहले इसे लिस्टेड कंपनियों के बोर्ड में लागू करने की योजना है. बाद में इसे अनलिस्टेड कंपनियों के बोर्ड के लिए भी लागू किया जाएगा. 

सरकार लेगी राय

हालांकि कंपनी कानून में बदलाव से पहले सरकार इस पर पर्याप्त चर्चा कर सभी पक्षों की राय लेगी. इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति का दोहरा वोटिंग सिस्टम ब्रिटेन में लागू है. इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स के मौजूदा सेलेक्शन सिस्टम पर अक्सर आरोप लगते हैं कि ये प्रमोटर्स का ही हित देखते हैं. कंपनियों में गड़बड़ियों के बावजूद भी आवाज़ नहीं उठाते. जबकि कंपनी कानून के तहत इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति आम शेयरधारकों के प्रतिनिधि के तौर पर की जाती है. किंगफिशर से लेकर IL&FS तक कंपनियों के बोर्ड में इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की भूमिका को लेकर सवाल उठते रहे हैं.

बोर्ड में होगा शेयरहोल्डर्स का दखल

> इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति में भूमिका बढ़ेगी

> शुरुआत लिस्टेड कंपनियों से, बाद में अन्य में लागू

> इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति में दोहरी वोटिंग

> प्रमोटर,अन्य के अलावा छोटे निवेशक करेंगे वोटिंग

> छोटे निवेशकों की वोटिंग नज़रअंदाज़ तो छवि पर असर

> कंपनी कानून में बदलाव से पहले सभी पक्षों से चर्चा

> इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति में ब्रिटेन में दोहरी वोटिंग

> प्रमोटर के साथ मॉइनॉरिटी शेयरहोल्डिंग की भी अहमियत

मौजूदा सिस्टम क्या है?

> नॉमिनेशन, रेम्यूनेरेशन कमेटी डायरेक्टर को चुनती है

> फिर नियुक्ति को कंपनी के बोर्ड से मंजूर कराया जाता है

> AGM में महज़ 50% वोटिंग के ज़रिए लग जाती है मुहर

> नॉमिनेशन, रेम्यूनेरेशन कमेटी में 50% इंडिपेंडेंट डायरेक्टर

> प्रमोटर जिसका नाम सुझाते हैं, वही चुन लिया जाता है

इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की अहमियत क्यों

> कंपनियों में होनी वाली गड़बड़ियों को उज़ागर करना

> आम शेयरहोल्डर्स के हितों की रक्षा करना दायित्व है

> मैनेजमेंट को स्वतंत्र और सही राय देने की ज़िम्मेदारी

> किंगफिशर से लेकर IL&FS तक में रोल पर उठे सवाल