WHATSAPP, गूगल पर टैक्स लगाने की तैयारी, सरकार ने यह रखा पैमाना
सरकार गूगल (Google), फेसबुक (Facbook), ट्विटर, Whatsapp जैसी डिजिटल (Digital) कंपनियों पर टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है. सरकार इसके लिए 20 करोड़ रुपए की सालाना आमदनी और 5 लाख से ऊपर तक के सब्सक्राइबर को टैक्स वसूली का पैमाना बना सकती है.
सरकार गूगल (Google), फेसबुक (Facbook), ट्विटर, Whatsapp जैसी डिजिटल (Digital) कंपनियों पर टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है. सरकार इसके लिए 20 करोड़ रुपए की सालाना आमदनी और 5 लाख से ऊपर तक के सब्सक्राइबर को टैक्स वसूली का पैमाना बना सकती है. सरकार ने बीते साल जुलाई में SEP यानि सिग्निफिकेंट इकोनॉमिक प्रजेंस का कॉन्सेप्ट शुरू किया था. लेकिन इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है.
SEP के तहत तय पैमानों के आधार पर अगर कोई कंपनी भारत में मुनाफा कमाती है तो उसे टैक्स भरना होगा. सरकार इसी कॉन्सेप्ट के तहत देश से कमाई करने वाली डिजिटल कंपनियों पर टैक्स लगाने पर विचार कर रही है. अन्य देशों में भी सिग्निफिकेंट इकोनॉमिक प्रजेंस को लेकर चर्चा है. यूरोपियन यूनियन 3 फीसदी की दर से टैक्स लगाने पर विचार कर रहा है. फ्रांस ने अपना अलग नियम बना लिया है. अगर नियम पक्का हो जाता है तो विदेशी डिजिटल कंपनियों को भी घरेलू कंपनियों की तरह 30 फीसदी की दर से टैक्स भरना होगा.
आयकर विभाग ने शुरू की कार्रवाई
विदेशी डिजिटल कंपनियां घरेलू कंपनियों के विज्ञापनों से देश से कमाई करती हैं. गूगल, फेसबुक, ट्विटर जैसी डिजिटल कंपनियां घरेलू ग्राहकों की बिलिंग तो करती हैं. लेकिन जितना पैसा लेती हैं उसका बड़ा हिस्सा लागत के तौर पर अपनी विदेशी सहयोगी या मूल कंपनियों को भेज देते हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गूगल के खिलाफ टैक्स वसूली की कार्रवाई शुरू की थी.
गूगल ने लिया स्टे
बाद में इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल ने भी डिपार्टमेंट का फैसला सही पाया था. हालांकि कर्नाटक हाईकोर्ट से गूगल ने मामले पर स्टे ले लिया था. सरकार जल्द आने वाले डायरेक्ट टैक्स कोड में इसे शामिल कर सकती है. IT डिपार्टमेंट के इस साल के सेंट्रल एक्शन प्लान में भी ई-कॉमर्स कंपनियों से टैक्स वसूली पर ज़ोर दिया गया है.
क्या होगा पैमाना
> सरकार का डिजिटल कंपनियों पर टैक्स लगाने का प्लान
> 20 Cr आय और 5 लाख से अधिक सब्सक्राइबर पैमाना
> Significant Economic Presence पर काम जारी
> यूरोप में भी डिजिटल कंपनियों पर टैक्स का प्लान है
> घरेलू और विदेशी डिजिटल कंपनियों में अंतर घटेगा
> विदेशी डिजिटल कंपनियों पर भी 30% दर से टैक्स
> डिजिटल कंपनियां विज्ञापन से देश में कमाई करती हैं
> एड स्पेस तैयार बनाने की लागत ज्यादा दिखाई जाती है
> एड स्पेस बनाने की लागत का खर्च विदेश भेजा जाता है
> घरेलू कंपनियों के बराबर टैक्स से कारोबार में समानता
> IT डिपार्टमेंट ने गूगल को टैक्स डिमांड नोटिस भेजा था
> बेंगलुरु ITAT में भी IT डिपार्टमेंट ने गूगल का केस जीता
> केस कर्नाटक HC में है, जहां से टैक्स पर डिमांड पर स्टे
> सेंट्रल एक्शन प्लान में भी ई-कॉमर्स कंपनियों पर फोकस