खाना बनाने के लिए एक बार इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑयल का दोबारा इस्तेमाल सेहत के लिए हानिकारक है. ऐसे में मोदी सरकार ने नया रास्ता निकालते हुए इस ऑयल से बायोडीजल बनाने की पहल की है. इसके तहत सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑयल से बने बायोडीजल को खरीदेंगी. ओएमसी ने 100 शहरों में कुकिंग ऑयल से बने बायोडीजल को खरीदने के लिए शनिवार को एक प्रोग्राम की शुरुआत की है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस प्रोग्राम की शुरुआत की. इस प्रोग्राम के तहत तीनों ऑयल मार्केटिंग कंपनियां इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑयल से बायोडीजल के लिए प्लांट लगाने की इच्छुक प्राइवेट कंपनियों उनके प्रस्ताव मंगाएंगी. शुरुआत में ओएमसी बायोडीजल को 51 रुपये प्रति लीटर की तय दर से खरीदेंगी. दूसरे साल उसे बढ़ाकर 52.7 रुपये और तीसरे साल में 54.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया जाएगा.

धर्मेंद्र प्रधान ने इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑयल को जमा करने के लिए एक मोबाइल ऐप की भी शुरुआत की. होटल और रेस्टोरेंट अपने यहां ऐसे स्टिकर लगाएंगे, जिसमें लिखा होगा कि वे बायोडीजल बनाने के लिए इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑयल की सप्लाई करते हैं.

वर्ल्ड बायोफ्यूल दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कुकिंग ऑयल के अलावा अन्य कई प्रारूप में भी बायोडीजल उपलब्ध है. खाना पकाने के इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑयल के इस्तेमाल से हाई ब्लड प्रेशर, एथेरोस्क्लेरोसिस, अल्जाइमर और लीवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा होता है.