गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने शेयर बाजार की रणनीतिक अपील का हवाला देते हुए भारतीय इक्विटी पर अपना दृष्टिकोण बढ़ा दिया है. ये बढ़त वैश्विक मंदी के बीच तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के बड़े घरेलू बाजार से प्रेरित है. भारत के आने वाले वर्षों में मिड टर्म आय में वृद्धि की संभावना के साथ, दीर्घकालिक विकास के अवसर प्रदान कर सकता है. 

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मिड टर्म आय में वृद्धि की संभावना

एशियाई बाजारों के नवीनतम गोल्डमैन सैक्स मूल्यांकन के मुताबिक, भारत के आने वाले वर्षों में मिड टर्म आय में वृद्धि की संभावना के साथ, दीर्घकालिक विकास के अवसर प्रदान करने का अनुमान है. गोल्डमैन सैक्स ने बड़े पैमाने पर घरेलू-उन्मुख विकास को देखा जो निवेशकों को निवेश पर अच्छा रिटर्न दे सकता है. साथ ही 'मेक-इन-इंडिया', लार्ज-कैप कंपाउंडर्स और मिड-कैप मल्टीबैगर्स जैसी पहल शामिल हैं.

चीन के शेयरों की रेटिंग घटाई

दूसरी ओर, गोल्डमैन सैक्स ने कम आय वृद्धि के कारण हांगकांग में कारोबार करने वाले चीन के शेयरों पर अपनी रेटिंग घटा दी है. बैंक ने हांगकांग में लिस्टेड चीनी कंपनियों को मार्केट वेट और हांगकांग की कंपनियों को अंडरवेट में घटा दिया है. बैंक ने आवास क्षेत्र में मंदी, उच्च ऋण स्तर और प्रतिकूल जनसांख्यिकी से उत्पन्न चीन की अर्थव्यवस्था में धीमी वृद्धि की संरचनात्मक चुनौतियों को लाल झंडी दिखा दी है.

वहीं, गोल्डमैन सैक्स चीन के बाहर के देश के शेयरों पर ओवरवेट बना हुआ है. बैंक के रणनीतिकारों के अनुसार, उच्च उत्पादकता और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और नए बुनियादी ढांचे जैसे अधिक आत्मनिर्भरता वाले क्षेत्रों में चीन का अच्छा प्रदर्शन हो सकता है.