Attrition rate fall: ग्लोबल इकोनॉमी में मंदी की आहट और दुनियाभर में कई बड़ी कंपनियों में छंटनी की खबरों के बीच सितंबर तिमाही में आईटी सेक्टर को एट्रिशन रेट यानी कर्मचारियों के कंपनी बदलने की दर से राहत मिली है. उद्योग पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों ने सितंबर तिमाही में सप्लाई साइड के दबाव को कम करने की बात कही है. पिछली दो-तीन तिमाहियों के दौरान आईटी उद्योग में कर्मचारियों के बीच तेजी से कंपनी बदलने (Attrition) के रुझान देखे गए थे. 

Infosys में एट्रिशन दर घटकर 27.1 फीसदी पर आई

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चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इन्फोसिस के कर्मचारियों द्वारा नौकरी बदलने की दर घटकर 27.1 फीसदी रह गई, जो इससे पिछली जून तिमाही में 28.4 फीसदी थी. एचसीएल में कर्मचारियों के नौकरी बदलने की दर दूसरी तिमाही में, जून तिमाही के समान बनी रही. नोएडा मुख्यालय वाले एचसीएल के मुख्य जन अधिकारी राम सुंदरराजन ने कहा, ''यह पहले ही स्थिर हो चुकी है, और इस बात के शुरुआती संकेत हैं कि हम एक अच्छी स्थिति में हैं."

TCS का एट्रिशन रेट 21.5 फीसदी तक बढ़ा

देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने कहा कि आईटी सेवाओं में पिछले 12 महीनों में उसके कर्मचारियों के कंपनी छोड़ने की दर 21.5 फीसदी तक बढ़ गई है, लेकिन आने वाले महीनों में इसमें स्थिरता आने की उम्मीद है. कंपनी ने तिमाही आय के संबंध में आयोजित बातचीत में कहा कि प्रौद्योगिकी रोजगार बाजार में पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान तेजी थी और अब इसमें नरमी आने लगी है. नए कर्मचारी भी वेतन के लिहाज से यथार्थवादी नजरिया अपना रहे हैं. इस तरह भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के आंकड़े बताते हैं कि आपूर्ति पक्ष के दबाव कम होने के लिए तैयार हैं.

इन्फोसिस ने भी एट्रिशन में कमी की सूचना दी

इन्फोसिस ने भी कर्मचारियों के कंपनी छोड़ने के संबंध में राहत की सूचना दी है. कंपनी के सीईओ सलिल पारेख ने हाल में कहा, ''सालाना तिमाही आधार पर अब तीन तिमाहियों के लिए कर्मचारियों के कंपनी छोड़ने की दर कम रही है, जिसमें अब दूसरी तिमाही भी शामिल है. हमारा अनुमान है कि इस दर में और कमी होगी.''