New India Assurance और ICICI Lombard जैसी लिस्टेड जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के बिजनेस को जल्द ही बड़ा बूस्ट मिल सकता है. जनरल इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से हाल ही में डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज़ के साथ मीटिंग हुई है, जिसके तहत कंपनियों ने कुछ-कुछ बदलावों की मांग की है.

मोटर इंश्योरेंस पर सख्ती की मांग

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जनरल इंश्योरेंस कंपनियों की DFS के साथ मीटिंग में मोटर इंश्योरेंस को सख्ती से लागू कराने पर जोर दिया गया है. कंपनियों ने DFS को इंश्योरेंस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो से बिना इंश्योरेंस गाड़ियों के डेटा को राज्यों के साथ साझा करने को कहा है. ऐसे में मोटर इंश्योरेंस कराने का दबाव बढ़ेगा. देश में 30 करोड़ गाड़ियों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं है. ऐसे में राज्य इंश्योरेंस इन्फार्मेशन ब्यूरो के डेटा की मदद से चालान कर बड़ा राजस्व भी कमा सकती है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं हो पाने पर 2000 रुपये का चालान है.

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है?

मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के तहत थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना जरूरी है. इस इंश्योरेंश के तहत तीसरे पार्टी को लायबिलिटी कवर मिलता है. जब भी किसी व्हीकल से कोई रोड एक्सीडेंट होता है तो इसमें हुए किसी अन्य व्यक्ति के नुकसान की भरपाई थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के तहत की जाती है. इसका पूरा खर्च बीमा कंपनी उठाती है. यानी कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस से सीधा फायदा किसी भी दुर्घटना में नुकसान हुए तीसरे व्यक्ति को मिलता है. इसीलिए इसे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कहा जाता है. 

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