Solar Park on Bundelkhand Expressway: ग्लोबल एनर्जी अलायंस फॉर पीपल एंड प्लेनेट (GEAPP) ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से सटे इलाकों में 1,800 करोड़ रुपये की लागत से 450-500 मेगावाट का सोलर पार्क डेवलप करने के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के साथ करार किया है. GEAPP ने मंगलवार को बयान में कहा कि भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर स्थापित करेगी. यह बुंदेलखंड क्षेत्र को सोलर एनर्जी संचालित बुनियादी ढांचे के लिए एक मॉडल में बदलने का काम करेगा. 

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प्रोजक्ट का अध्ययन करने के बाद GEAPP ने एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 15-20 मीटर के तय जमीन पर 450 मेगावाट तक की सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट स्थापित करने की क्षमता की पुष्टि की. बयान के मुताबिक, लगभग 1,800 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से प्रतिस्पर्धी दर पर बिजली पैदा होगी. इस सौर पार्क की स्थापना करीब 1,700 हेक्टेयर भूमि में की जाएगी. यह सौर पार्क ‘निर्माण-स्वामित्व-परिचालन’ (बीओओ) मॉडल के तहत संचालित किया जाएगा. 

कॉमर्शियल ऑपरेशन शुरू होने के बाद से इसकी अवधि को 25 साल तक बढ़ाया जा सकता है. इस प्रोजेक्ट में सिंगल फेज बिड प्रॉसेस में शामिल है और बोलीदाता का चयन प्राधिकरण के साथ राजस्व हिस्सेदारी के प्रस्ताव के आधार पर किया जाएगा. यूपीडा 8 अक्टूबर को इस परियोजना के लिए ग्लोबर टेंडर आमंत्रित कर चुका है. भारत के 6,000 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे नेटवर्क में रिन्युएबल एनर्जी की अपार संभावनाएं हैं. इसमें बुंदेलखंड सोलर नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट अकेले 10 गीगावाट बिजली उपलब्ध कराने की क्षमता रखती है.