गौतम अडानी ने रद्द की $60 Cr फंड जुटाने की योजना, रिश्वतखोरी मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लिया एक्शन
ब्लूमबर्ग के हवाले से ये खबर आई है. गौतम अडानी समेत 7 लोगों पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का आरोप तय किया गया था, जिसके बाद अब उन्हें दोषी करार कर दिया गया है. अमेरिका में आए इस मामले के बाद गौतम अदाणी की कंपनी ने बॉन्ड के जरिए फंड जुटाने वाली योजना को रद्द कर दिया है.
देश की दिग्गज बिजनेस टायकून गौतम अडानी (Gautam Adani) के खिलाफ यूएस कोर्ट से एक बड़ा एक्शन लिया गया है. भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिकी कोर्ट ने रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मामले में फैसला सुनाते हुए गौतम अडानी को दोषी करार कर दिया है. ब्लूमबर्ग के हवाले से ये खबर आई है. गौतम अडानी समेत 7 लोगों पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का आरोप तय किया गया था, जिसके बाद अब उन्हें दोषी करार कर दिया गया है. अमेरिका में आए इस मामले के बाद गौतम अडानी की कंपनी ने बॉन्ड के जरिए फंड जुटाने वाली योजना को रद्द कर दिया है. बता दें कि कंपनी की बॉन्ड के जरिए 60 करोड़ डॉलर जुटाने वाली थी, लेकिन अब इस योजना को रद्द कर दिया गया है.
अमेरिकी कोर्ट के फैसले के बाद लिया एक्शन
ब्लूमबर्ग के हवाले से गुरुवार की सुबह-सुबह ये खबर आई थी कि गौतम अडानी समेत 7 लोगों पर अमेरिकी कोर्ट ने धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के मामले में दोषी ठहराया है. अमेरिका में लगे आरोप के बाद गौतम अडानी की कंपनी की ओर से बड़ा एक्शन लिया गया और फंड जुटाने की योजना को रद्द किया गया है.
बता दें कि कंपनी की ओर से 60 करोड़ डॉलर यानी कि 600 मिलियन डॉलर की रकम जुटाई जानी थी, जिसके लिए एक योजना तैयार की गई थी. लेकिन अब इस फैसले के बाद ये योजना रद्द कर दी गई है. बॉन्ड के जरिए 60 करोड़ डॉलर जुटाने की योजना बनाई गई थी.
गौतम अडानी पर लगे ये आरोप
गौतम अडानी पर धोखाधड़ी-रिश्वतखोरी का आरोप लगा है. अमेरिकी कोर्ट ने इस मामले पर गौतम अडानी को दोषी करार किया है. सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर देने का वादा किया था. न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट ने गौतम अडानी समेत 7 लोगों पर अरबों डॉलर की धोखाधड़ी और रिश्वत का आरोप लगाया. बुधवार को ही अडानी ने 20 Year ग्रीन बॉन्ड की बिक्री से 600 मिलियन डॉलर जुटाने की घोषणा की थी.
अमेरिकी कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
गौतम अडानी, सागर अडानी, विनीत एस जैन रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला. 2020 से 2024 के बीच अडानी समेत सभी आरोपी भारत सरकार को कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने को तैयार हुए.
इस प्रोजेक्ट से 20 साल में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान था. कोर्ट में कहा गया कि इन चारों ने ब्राइबरी स्कीम में ग्रैंड जूरी, FBI और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) की जांच रोकने की साजिश रची. सागर अडानी ने रिश्वत के पैसे को ट्रैक करने के लिए अपने फोन का इस्तेमाल किया. अदानी कंपनियों ने करीब $2 बिलियन के कुल 2 US dollar denominated syndicate loans जुटाए थे.