Gautam Adani Bribery Case: भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडानी के लिए 21 नवंबर का दिन बड़ी मुसीबत लेकर आया. हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म के गंभीर आरोंपों का सामना कर चुके ग्रुप के लिए उससे भी बड़ा मसला खड़ा हो गया है. गौतम अडानी और सात अन्य लोगों को अमेरिका की एक फेडरल कोर्ट ने 250 मिलियन डॉलर के रिश्वत देने और धोखाधड़ी करने के आरोप में दोषी ठहराया है. इसके बाद ग्रुप कंपनी Adani Enterprises की ओर से सफाई आई है.

अडानी ग्रुप ने क्या कहा? (Adani Group issues clarification)

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US कोर्ट के आरोप पर कंपनी की सफाई आई है, जिसमें कहा गया है कि US कोर्ट की ओर से लगाए गए आरोप आधारहीन हैं. कंपनी ने US कोर्ट के आरोपों से इनकार किया है. इनका कहना है कि कंपनी ने सभी नियमों का पूरी तरह पालन किया है और आगे वो मामले पर सभी संभावित कानूनी विकल्पों पर विचार करेगी. ग्रुप ने एक मीडिया स्टेटमेंट जारी करके कहा कि US Department of Justice और US Securities and Exchange Commission के Adani Green के डायरेक्टर्स के खिलाफ लगाए गए आरोप तथ्यहीन हैं और इन्हें नकारा जा रहा है. US Department of Justice ने खुद कहा है कि "अभियोग में लगाए गए आरोप केवल आरोप हैं, और अभियुक्तों को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक कि उन्हें दोषी साबित नहीं कर दिया जाता."

अडानी ग्रुप हमेशा से ही उच्चतम स्तर की गवर्नेंस, पारदर्शिता और नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है. हम अपने सभी हितधारकों, साझेदारों और कर्मचारियों को यह भरोसा दिलाते हैं कि हम कानून का पालन करने वाली कंपनी हैं और सभी नियमों का पूरी तरह से पालन करते हैं.

क्या हैं गौतम अडानी पर आरोप?

न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट के पास गौतम अडाणी समेत 7 लोगों पर अरबों डॉलर की धोखाधड़ी और रिश्वत का देने का आरोप था. इसमें कहा गया है कि सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर देने का वादा किया था. इस केस में आठ लोगों का नाम लिया गया है, जिसमें गौतम अदाणी और उनके कुछ रिश्तेदारों का भी नाम है.

आरोप है कि गौतम अडाणी, सागर अडाणी, विनीत एस जैन ने रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला है. 2020 से 2024 के बीच अडाणी समेत सभी आरोपी भारत सरकार को कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने को तैयार हुए. अदाणी पर अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग के एक दीवानी मामले में भी आरोप लगाए गए हैं. अभियोग में सागर और जैन पर संघीय कानून तोड़ने के भी आरोप लगाये गये हैं.