मोदी सरकार फर्जी कंपनियों को बंद करने के लिए सख्‍त नियम लाने की तैयारी कर रही है. इससे कंपनियों को जल्द ही अपने पंजीकृत कार्यालयों की तस्वीर और उनकी भौगोलिक (अक्षांश एवं देशांतर संबंधी) स्थिति का विवरण सरकार को भेजना होगा. मुखौटा कंपनियों को खत्म करने की कोशिशों के तहत यह कदम उठाया गया है. 

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नया फॉर्म लागू किया

जियो टैंगिंग के नियमों को अपनाने के साथ-साथ कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनियों के लेखा परीक्षकों और प्रमुख अधिकारियों सहित अन्य विवरण भी मांगने का निर्णय किया है. खोखा कंपनियों पर अंकुश लगाने की अपनी कोशिशों के तहत मंत्रालय ने नया इलेक्ट्रॉनिक फार्म एक्टिव-1 (एक्टिव कंपनी टैगिंग आइडेंटीटीज एंड वेरिफिकेशन) अधिसूचित किया है.

लगेगा जुर्माना

31 दिसंबर, 2017 से पहले गठित कंपनियों को 25 अप्रैल से पहले मंत्रालय के समक्ष फॉर्म प्रस्तुत करना होगा. समयसीमा के भीतर फॉर्म प्रस्तुत नहीं करने पर संबंधित कंपनियों को 10,000 रुपये का विलंब शुल्क भुगतान करना होगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि हर सक्रिय कंपनी और उसको चलाने वालों की पहचान की दिशा में फॉर्म को अधिसूचित किया जाना बड़ा कदम है.

प्रमुख अफसर की भेजनी होगी तस्‍वीर

अधिकारी ने कहा कि यह पहला मौका है जब मंत्रालय ने कंपनियों के पंजीकृत कार्यालयों की फोटो और अक्षांश एवं देशांतर जैसी भौगोलिक स्थिति को लेकर जानकारी मांगी है. मंत्रालय ने कहा है कि कंपनियों को अपने पंजीकृत कार्यालय एवं फॉर्म पर हस्ताक्षर करने वाले कम-से-एक प्रमुख अधिकारी की तस्वीर भी भेजनी होगी.