गुजरात की इस दवा कंपनी ने की बैंक लोन में धोखाधड़ी, ईडी ने कुर्क की 5.4 करोड़ रुपये की संपत्ति
बैंक कर्ज धोखाधड़ी से जुड़े एक और मामले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्रवाई करते हुए 5.4 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है.
नई दिल्ली : बैंक कर्ज धोखाधड़ी से जुड़े एक और मामले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्रवाई करते हुए 5.4 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. एक दवा कंपनी द्वारा किए गए बैंक कर्ज धोखाधड़ी का यह मामला कथित तौर पर 5,700 करोड़ रुपये का है. कुर्क की गई अचल संपत्तियों में एक फरीदाबाद और एक गुड़गांव में है. यह संपत्ति दिल्ली के एक कारोबारी गगन धवन से जुड़ी है. उसे प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह जमानत पर है.
IDBI बैंक घोटाले में CBI का एक्शन तेज, 50 ठिकानों पर की गई छापेमारी
ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट- PMLA) के तहत संपत्ति कुर्की का आदेश जारी किया था. धवन के खिलाफ पहले भी एजेंसी इस तरह का आदेश जारी कर चुकी है. इस मामले में संदेसरा बंधुओं- चेतन जयंतीलाल संदेसरा और नितिन जयंतीलाल संदेसरा और उनकी वडोदरा स्थित कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड और अन्य के खिलाफ पिछले साल अक्टूबर में PMLA का मामला दर्ज किया गया था. इससे दो दिन पूर्व ही सीबीआई ने 5,700 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था.
ED ने बयान में कहा है कि धवन पर नितिन और चेतन संदेसरा की मदद का आरोप है. दोनों स्टर्लिंग बायोटेक के प्रमोटर एवं निदेशक और बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं. जांच से पता चला है कि संदेसरा बंधुओं और अन्य ने कर्ज की रकम से 5.4 करोड़ रुपये की राशि को अन्यत्र उपयोग किया और बाद में इसे धवन को दिया गया. इसमें कहा गया है कि धवन ने अपराध से प्राप्त धन का उपयोग जब्त की गई इस संपत्ति को खरीदने और विकसित करने में किया. धवन भी मनी लॉन्ड्रिंग अपराध में सक्रिय रूप से शामिल था.
धनशोधन के एक और मामले में फंसे विजय माल्या, मुकदमा दर्ज
एजेंसी इस मामले में संदेसरा भाइयों की भूमिका को विस्तार से पेश करने के लिए नई और पूरक चार्जशीट दायर करने की तैयारी कर रही है. यह भी अधिसूचित किया गया है कि इंटरपोल से दोनों भाइयों की गिरफ्तारी के लिए वैश्विक गिरफ्तारी वारंट की कोशिश की गई है. दोनों देश छोड़कर किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं. खबरें आ रही हैं कि वे संयुक्त अरब अमीरात या नाइजीरिया में हो सकते हैं. ताजा आदेश के बाद इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्क की गई कुल संपत्ति 4,710 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है.