घरेलू Crude Oil प्रोड्यूसर को अपनी मर्जी से बिक्री की परमिशन, किसी भी रिफायनरी को बेच सकेंगे
Crude oil in India: केंद्रीय मंत्रिमंडल की मीटिंग में किए गए फैसले की जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा कि कंपनियों को घरेलू बाजार में कच्चा तेल बेचने की पूरी आजादी होगी.
Crude oil in india: सरकार ने बुधवार को ओएनजीसी और वेदांता जैसी कंपनियों को देश में प्रोड्यूस हुए क्रूड ऑयल (crude oil) को किसी भी रिफाइनरी को बेचने की परमिशन दे दी. रिफाइनरी में क्रूड ऑयल (कच्चे तेल) को पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदला जाता है.पीटीआई की खबर के मुताबिक, तेल क्षेत्रों के 1999 से अलॉट एग्रीमेंट के मामले में प्रोड्यूसर्स को कच्चा तेल बेचने की छूट दी गई थी, लेकिन ओएनजीसी के मुंबई हाई और वेदांता के रावा जैसे पुराने क्षेत्रों से उत्पादित कच्चे तेल के लिए खरीदार खुद सरकार तय करती थी.
कच्चे तेल के एक्सपोर्ट पर पाबंदी जारी रहेगा
खबर के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल की मीटिंग में किए गए फैसले की जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा कि कंपनियों को घरेलू बाजार में कच्चा तेल बेचने की पूरी आजादी होगी. हालांकि, कच्चे तेल के एक्सपोर्ट पर पाबंदी जारी रहेगा. इस फैसले का मतलब है कि ओएनजीसी मुंबई हाई से उत्पादित सालाना 1.3 से 1.4 करोड़ टन कच्चा तेल निजी क्षेत्र की किसी भी रिफाइनरी को बेच सकती है. कंपनी को फिलहाल मुंबई हाई से उत्पादित कच्चा तेल सार्वजनिक क्षेत्र की भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) को बेचना होता है. वह अपनी मैंगलोर रिफाइनरी को भी तेल नहीं बेच सकती थी.
विक्रेता कच्चे तेल की ई-नीलामी कर सकते हैं
मौजूदा व्यवस्था में सरकार मात्रा तय करती थी जो हर खरीदार खरीद सकता था. इससे कीमत को लेकर बातचीत की गुंजाइश बहुत कम होती थी और प्राय: सस्ते में तेल (crude oil) बेच दिया जाता था. अब विक्रेता कच्चे तेल की ई-नीलामी कर सकते हैं जो भी अच्छा मूल्य देगा, उसे बेच सकते हैं. ऑफिशियल बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 1 अक्टूबर, 2022 से घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल (crude oil production in india) की बिक्री को नियंत्रण-मुक्त किए जाने को मंजूरी दे दी है. सरकार ने 1 अक्टूबर, 2022 से कच्चे तेल और ‘कंडनसेट’ के अलॉटमेंट को रोकने का फैसला किया है. इसमें कहा गया है कि इससे सभी रिसर्च और प्रोडक्शन (ई एंड पी) ऑपरेटर स्वतंत्र रूप से मार्केटिंग कर सकेंगे.
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अच्छा मूल्य देने वाले किसी को भी तेल बेच सकते हैं
बयान के मुताबिक, इसके मुताबिक सरकार या उसकी नॉमिनी या सरकारी कंपनियों को कच्चा तेल (crude oil) बेचने के लिए उत्पादन भागीदारी अनुबंध (पीएससी) की शर्त में छूट दी जाएगी. सभी ईएंडपी कंपनियों को अब घरेलू बाजार में अपने क्षेत्रों से उत्पादित कच्चा तेल बेचने की छूट होगी. रॉयल्टी, उपकर जैसे सरकारी राजस्व की गिनती भी सभी अनुबंधों में एक समान आधार पर की जाती रहेगी. पहले की तरह,एक्सपोर्ट की परमिशन नहीं होगी.ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया लि. ई-नीलामी में अच्छा मूल्य देने वाले किसी को भी तेल बेच सकते हैं.