अमूल, मदर डेयरी के बाद अब DMS के दूध भी हो सकते हैं महंगे
milk price: वर्ष 1959 में स्थापित DMS में दूध उत्पादन और पैकेजिंग क्षमता 5 लाख लीटर प्रतिदिन है, इसके अलावा NCR में 1,298 आउटलेट्स का नेटवर्क है. राज्यों में दूध के लिए एक समान खुदरा मूल्य तय करने की किसी भी संभावना खारिज.
अमूल गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (GCMMF) द्वारा विपणन किया जाने वाला डेयरी ब्रांड है. (रॉयटर्स)
अमूल गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (GCMMF) द्वारा विपणन किया जाने वाला डेयरी ब्रांड है. (रॉयटर्स)
पशुपालन सचिव तरुण श्रीधर ने सोमवार को कहा कि डेयरी फर्म दिल्ली मिल्क स्कीम (DMS) जल्द ही प्रमुख प्रतियोगियों मदर डेयरी और अमूल के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजधानी में खुदरा दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रही है. उन्होंने कहा कि नंदिनी और सुधा जैसे अन्य सहकारी दूध ब्रांड के दाम बढ़ाने की संभावना नहीं है क्योंकि राज्य सरकारें किसानों को किए गए भुगतान पर उन्हें सब्सिडी दे रही हैं. हालांकि, श्रीधर ने जानवरों के इनपुट और उत्पादकता की लागत में भिन्नता को देखते हुए राज्यों में दूध के लिए एक समान खुदरा मूल्य तय करने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया.
वर्ष 1959 में स्थापित DMS में दूध उत्पादन और पैकेजिंग क्षमता 5 लाख लीटर प्रतिदिन है, इसके अलावा NCR में 1,298 आउटलेट्स का नेटवर्क है. श्रीहर ने बताया, "अमूल और मदर डेयरी दोनों ने दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की है. डीएमएस जल्द ही दाम बढ़ा सकता है क्योंकि इसकी खुदरा कीमतें मदर डेयरी से जुड़ी हैं, जो राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है." पिछले हफ्ते, मदर डेयरी और अमूल दोनों ने दूध की कीमत में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की.
अमूल गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (GCMMF) द्वारा विपणन किया जाने वाला डेयरी ब्रांड है. यह पूछे जाने पर कि क्या नंदिनी (कर्नाटक) और सुधा (बिहार) जैसी डेयरी कंपनियां भी दूध की कीमतें बढ़ाएंगी, सचिव ने कहा: "यह निर्भर करता है... वास्तव में, अमूल की खुदरा दूध की कीमतें अन्य ब्रांडों की तुलना में कम हैं.
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उन्होंने कहा कि कई राज्यों में, राज्य सरकारें उत्पादकों को भुगतान करने के लिए अनुदान के माध्यम से दुग्ध सहकारी समितियों को क्रॉस-सब्सिडी दे रही हैं. देश में एक समान दूध की दर तय करने की संभावना से इनकार करते हुए श्रीधर ने कहा, "दूध के लिए समान मूल्य निर्धारण संभव नहीं है. दूध की कीमतें इनपुट लागत, उत्पादकता और गुणवत्ता से जुड़ी हैं. मुझे नहीं लगता कि यह संभव है. "
उन्होंने कहा कि उत्पादन में मौसमी बदलाव के अलावा देश में अन्य कृषि जिंसों की तुलना में खुदरा दूध के दाम बड़े और "स्थिर" हैं. दूध उत्पादन पर, सचिव ने कहा कि देश को चालू वर्ष 2019-20 में उत्पादन में 7 प्रतिशत तक की वृद्धि की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष प्राप्त 176 मिलियन टन के स्तर पर था. उन्होंने कहा, "दूध का उत्पादन 6.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से लगातार बढ़ रहा है लेकिन उत्पादन के साथ प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि नहीं हुई है."
(इनपुट पीटीआई से लेकर)
06:37 PM IST