कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण देशभर में Lockdown चल रहा है. इस राष्ट्रव्यापी बंदी के बीच कंपनियों को राहत देते हुए सरकार ने उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के जरिये असाधारण आम बैठक (AGM) करने की इजाजत दे दी है. कंपनियां किसी प्रस्ताव पर मंजूरी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के जरिये ले सकेंगी. कोरोना वायरस की वजह से लागू पाबंदियों का पालन करने को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने यह फैसला किया है. 

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मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सूचीबद्ध (Listed) या कम से कम 1,000 शेयरधारकों वाली कंपनियों को कंपनी कानून, 2013 के तहत ई-वोटिंग सुविधा देने की जरूरत होती है. ऐसी कंपनियां वीडियो कॉन्फ्रेंसिग या इसी तरह के किसी अन्य माध्यम के जरिये AGM कर सकती हैं. 

मंत्रालय ने कहा कि अन्य कंपनियों के लिए वोटिंग की बेहद आसान व्यवस्था होगी. ऐसी कंपनियां रजिस्‍टर्ड ई-मेल के जरिये मतदान से अनुपालन सुनिश्चित कर सकेंगी. बयान में कहा गया है कि इन विकल्पों का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को पूरी प्रक्रिया का रिकॉर्ड प्रतिलिपी या नकल के रूप में सुरक्षित रखना होगा. 

पब्लिक कंपनियों को इस नकल को अपनी वेबसाइट पर डालना होगा. मंत्रालय ने कहा है कि इस व्यवस्था के जरिये पारित सभी प्रस्तावों को 60 दिन के भीतर कंपनी पंजीयक के पास जमा कराना होगा, जिससे इन प्रस्तावों को सार्वजनिक किया जा सके.

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बता दें कि Sebi ने सूचीबद्ध कंपनियों और अन्य बाजार इकाइयों के लिए कानून अनुपालन का बोझ घटाने के प्रयासों के तहत इन नियमों में ढील दी थी. सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा था कि मार्केट कैप के हिसाब से 100 शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियों को 2019-20 के लिए उनकी AGM करने के नियम से 30 सितंबर तक के लिए छूट दी गयी है.

सामान्य परिस्थितियों में इन कंपनियों को अपनी AGM 31 अगस्त तक करनी होती है. खत्‍म हो रहे कोराबारी साल के लिये इन कंपनियों को 5 महीने के भीतर अपनी एजीएम करनी होती है.

इसके अलावा सेबी ने कंपनियों को उनकी बोर्ड बैठकों, वित्तीय परिणामों या अन्य कार्यक्रमों की जानकारी देने वाले विज्ञापन के नियम से 15 मई तक छूट प्रदान कर दी है. ऐसा सेबी ने कुछ अखबारों के अपने छपे संस्करण बंद करने या कम करने को देखते हुए दिए हैं.