Companies address new rule: सरकार ने कंपनियों के रजिस्टर्ड एड्रेस के फिजिकल वेरिफिकेशन (भौतिक सत्यापन) के समय पारदर्शी प्रक्रिया तय करने के लिए नियमों को संशोधित किया है. अब वेरिफिकेशन के समय रजिस्टर्ड कंपनी ऑफिस की तस्वीर लेने और स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी का तरीका अपनाया जाएगा. पीटीआई की खबर के मुताबिक, कंपनी मामलों के मंत्रालय (ministry of company affairs) ने इसके लिए कंपनी अधिनियम, 2014 के तहत निर्धारित सत्यापन नियमों को संशोधित कर दिया है. सरकारी गजट में नोटिफाई होने के साथ ही यह प्रभाव में आ जाएगा.

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कंपनी रजिस्ट्रार ले सकता है ये फैसला

खबर के मुताबिक, अधिनियम की धारा 12 के तहत कंपनी रजिस्ट्रार को अगर यह लगता है कि कोई कंपनी सही ढंग से कारोबार नहीं कर रही है, तो वह उसके रजिस्टर्ड एड्रेस का  फिजिकल वेरिफिकेशन कर सकता है. इस संशोधन के साथ ही इस तरह के फिजिकल वेरिफिकेशन (companies address physical verification rule) की प्रक्रिया निर्धारित कर दी गई है. कंपनी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि कंपनियों के रजिस्टर्ड पते का फिजिकल वेरिफिकेशन करते समय स्थानीय स्तर के दो स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी जरूरी होगी. जरूरी होने पर स्थानीय पुलिस की भी मदद ली जा सकती है.

पते से जुड़ी इमारत के दस्तावेजों का भी ट्रायल करना जरूरी 

कंपनी के रजिस्ट्रेशन के समय दिए गए पते से जुड़ी इमारत के दस्तावेजों का भी ट्रायल करना जरूरी होगा. इसके अलावा उस रजिस्टर्ड पते वाली जगह की एक तस्वीर भी ली जाएगी. यह सत्यापन पूरा होने के बाद संबंधित जानकारियों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी. फिजिकल वेरिफिकेशन (companies address physical verification rule)  के समय अगर यह पाया जाता है कि पंजीकृत पते पर पत्र-व्यवहार नहीं किया जा सकता है, तो संबंधित रजिस्ट्रार कंपनी और उसके निदेशकों को एक नोटिस भेजकर सूचना देने को कहेगा

कंपनी मामलों के मंत्रालय (ministry of company affairs) की तरफ से किए गए इस संशोधन के मुताबिक, कंपनी से मिलने वाले जवाब के आधार पर ही यह तय किया जाएगा कि उस कंपनी का नाम सरकारी रिकॉर्ड से हटा दिया जाए या नहीं इस आशय का प्रावधान कंपनी अधिनियम 2014 में संशोधन के जरिये किया गया है.