प्लेन उड़ाने का सपना देखने अब पुरानी बात हो गई. अब जमाना ड्रोन (Drone) का है. खास बात यह है कि अब नौजवान प्लेन का पायलट नहीं बल्कि ड्रोन का पायलट बनने का सपना बुनने लगे हैं. एक दिसंबर 2018 से ड्रोन का कमर्शियल इस्तेमाल शुरू होगा. सरकार ने इसके लिए ड्रोन नीति पहले ही तैयार कर चुकी है. केंद्र सरकार ने ड्रोन उड़ाने की मंजूरी लेने के लिए नए नियमों के साथ ही डिजिटल प्‍लेटफार्म भी बनाया है. लेकिन, क्या हर कोई ड्रोन चला सकेगा. जी नहीं, इसके लिए भी लाइसेंस की जरूरत होगी. लाइसेंस किसे और कैसे मिलेगा? आगे जानिए.

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ड्रोन पायलट बनने के लिए क्या है जरूरी

ड्रोन की मदद से कई तरह की समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश है. सरकार चाहती है कि इसका फायदा सबसे अधिक किसानों को मिले. खेती में ड्रोन के इस्तेमाल से मदद मिल सकती है. साथ ही ड्रोन की मदद से फसल में लगने वाले कीड़े का भी आसानी से पता लगाया जा सकता है. हालांकि, ड्रोन चलाना हर किसी के बस में नहीं होगा. इसके लिए विशेष लाइसेंस की जरूरत होगी. ड्रोन पायलट बनने के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं. लाइसेंस के लिए 18 साल का होना जरूरी है. पायलट की शैक्षिक योग्यता भी इसमें देखी जाएगी. आवेदनकर्ता कम से कम 10वीं पास होना चाहिए. साथ ही उसकी अंग्रेजी पर पकड़ होनी चाहिए. ये नियम पूरे करने वाले को ही ड्रोन चलाने का लाइसेंस जारी किया जाएगा.

कैसे उड़ा सकते हैं ड्रोन

सरकार ने इसके लिए डिजिटल स्‍काई प्‍लेटफॉर्म नामक मोबाइल ऐप लाएगी. यह तंत्र मानवरहित यातायात प्रबंधन (यूटीएम) के रूप में काम करता है. यह डिजिटल प्‍लेटफॉर्म अनुमति नहीं तो उड़ान नहीं के सिद्धांत पर पारदर्शी तरीके से काम करेगा. इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस ऐप को जारी करेगा. ऐप के जरिए ही ड्रोन के लिए अप्लाई करना होगा. ऐप से ही पता चल जाएगा कि इजाजत मिली है या नहीं. अगर इजाजत नहीं मिली है तो आप ड्रोन नहीं चला सकेंगे.

कैसे कर सकते हैं अप्लाई

ड्रोन चलाने के लिए मोबाइल ऐप पर जाकर अपने ड्रोन, पायलट और मालिक का एक बार रजिस्ट्रेशन जरूर कराना होगा. इसके बाद हर उड़ान के लिए इस पर अनुमति लेनी पड़ती है. सभी जांच पूरी होने के बाद यह तुरंत ही स्‍वचालित तरीके से अनुमति भी दे देता है. अगर जांच में कोई खामी पाई जाती है तो यह आवेदन को निरस्‍त कर देता है.

00 फीट तक उड़ा सकते हैं ड्रोन

सरकार के नियम के मुताबिक, ड्रोन को अधिकतम 400 फीट तक उड़ाया जा सकेगा. लेकिन, ड्रोन आपको दिखते रहना चाहिए. मतलब ड्रोन को ऐसी जगह पर फिलहाल भेजने की इजाजत नहीं होगी जो पायलट की आंखों के रेंज से बाहर हो. सभी असैन्य ड्रोन परिचालन को सिर्फ दिन के समय के लिए सीमित रखा जाएगा.

नैनो ड्रोन को उड़ाने के लिए मंजूरी नहीं

250 ग्राम से कम भार वाले ड्रोन को नैनो ड्रोन की श्रेणी में रखा गया है. इस ड्रोन को उड़ाने के लिए सरकार की इजाजत की जरूरत नहीं होगी. लेकिन स्मॉल, मीडियम एवं लार्ज ड्रोन के पायलट को सरकारी ऐप पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. 250 ग्राम से अधिक भार वाले सभी ड्रोन को रजिस्टर्ड कराना होगा और उड़ाने के लिए लाइसेंस लेना होगा.

इन जगहों पर नहीं उड़ा सकेंगे ड्रोन

नए नियमों के मुताबिक, ड्रोन को हवाई अड्डों, अंतरराष्ट्रीय सीमा, तटरेखा, राज्य सचिवालय परिसर आदि के पास उड़ने की इजाजत नहीं होगी. इसके अलावा, वे सामरिक ठिकानों, अहम सैन्य प्रतिष्ठानों और राजधानी में विजय चौक के आसपास भी नहीं मंडरा सकते.

ई-कॉमर्स कंपनियां नहीं कर पाएंगी इस्तेमाल

ई-कामर्स कंपनियां ड्रोन से सामान की डिलिवरी का प्लान बना रही हैं. हालांकि, सरकार ने फिलहाल होम डिलिवरी के लिए ड्रोन उड़ाने की इजाजत नहीं दी है. इसके पीछे कारण है कि ड्रोन का पायलट की आंखों से ओझल होने की मंजूरी नहीं मिली है. सरकार इसे पहले पायलट प्रोजेक्ट की तरह लागू करना चाहती है.