Coal Production in India: देश में कोयला प्रोडक्शन में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. कोयला मंत्रालय की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक देश में अक्टूबर में कोल प्रोडक्शन 7.86 करोड़ टन रहा है. भारत में अक्टूबर में कोयला उत्पादन 18.59 प्रतिशत बढ़कर 7.86 करोड़ टन रहा. देश में पिछले साल समान अवधि में कोयला उत्पादन 6.63 करोड़ टन रहा था. कोयला मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र वाली कंपनी सीआईएल (CIL) का कोयला उत्पादन इस साल अक्टूबर में 15.36 प्रतिशत बढ़कर 6.10 करोड़ टन रहा, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 5.29 करोड़ टन था. 

Coal India का सबसे ज्यादा योगदान

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कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का घरेलू कोयला उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक योगदान है. वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल-अक्टूबर में उत्पादन बढ़कर 50.70 करोड़ टन हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की समान अवधि में यह 44.84 करोड़ टन था. 

अक्टूबर में कोयले की आपूर्ति बढ़कर 7.93 करोड़ टन हो गई, जबकि पिछले साल समान अवधि में यह 6.71 करोड़ टन थी. मंत्रालय ने कहा कि उत्पादन और आपूर्ति में बढ़ोतरी देश की बढ़ती ऊर्जा आत्मनिर्भरता को रेखांकित करता है. यह आगामी ऊर्जा मांगों को पूरा करने के हमारे दृढ़ संकल्प को सुदृढ़ करता है. ेकोयला मंत्रालय निरंतर कोयला उत्पादन और वितरण सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को लेकर दृढ़ है, ताकि देश में जारी वृद्धि को बढ़ावा देने वाली भरोसेमंद ऊर्जा आपूर्ति हासिल की जा सके. '

NTPC का भी प्रोडक्शन रहा बेहतरीन

सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि में अपनी कैप्टिव खदानों से सालाना आधार पर 86 प्रतिशत अधिक 191.17 लाख टन कोयले का उत्पादन किया. कंपनी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की नौ महीने की अवधि में उसने 102.82 लाख टन का उत्पादन किया था. 

इसके अलावा एनटीपीसी ने वित्त वर्ष 2023-24 में 31 अक्टूबर तक 202.25 लाख टन कोयले की आपूर्ति की. यह एक साल पहले समान अवधि में की गई आपूर्ति से 94 प्रतिशत अधिक है. कंपनी ने कहा कि यह उत्कृष्ट प्रदर्शन एनटीपीसी की अपनी कैप्टिव खदानों से कोयला उत्पादन बढ़ाने और देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल आपूर्ति सुनिश्चित करने की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है. विद्युत मंत्रालय के अधीन आने वाली एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक इकाई है.