भारत और विश्व में भी सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया (Coal India) कोल गैस में अवसरों का पता लगाने के लिए तीन कंपनियों के साथ एमओयू करेगी. कोल इंडिया आज 4.30 बजे भेल (BHEL), गेल (GAIL) और IOCL के साथ तीन अलग-अलग समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करेगा. भेल ने सिंथेटिक गैस के उत्पादन के लिए 'प्रेशराइज्ड फ्लुइडाइज्ड बेड गैसीफिकेशन' (PFBG) तकनीक विकसित की है.

BHEL के साथ बनेगी ज्वाइंट वेंचर

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कोल इंडिया भेल के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाएगी. ज्वाइंट वेंचर कंपनी पहले चरण में अमोनियम नाइट्रेट (Ammonium Nitrate) प्लांट लगाएगी.  इसके अलावा सिंथेटिक नेचुरल गैस (Synthetic Natural Gas) और मिथेनॉल (Methanol) का उत्पादन होगा. सीआईएल द्वारा अंतिम उत्पाद अमोनियम नाइट्रेट का उपभोग किया जाएगा क्योंकि इसका व्यापक रूप से इसके खनन कार्यों में उपयोग किया जाता है. ज्वाइट वेंचर अलग-अलग रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स, केमिलक प्रोडक्शन के लिए डेमो प्लांट का व्यावसायीकरण किया जा सकता है.

गेल के साथ MoU

कोयला से रसायन और एसएनजी परियोजनाओं और सीबीएम भंडार के मुद्रीकरण के लिए 31 जनवरी 2020 को सीआईएल और गेल के बीच समझौता ज्ञापन हुआ. GAIL के साथ करार कर कोल से केमिकल बिजनेस की तरफ  CIL बढ़ेगी. दोनों मिलकर SNG बनाएंगी.

 IOCL के साथ समझौता ज्ञापन

IOCL भी कोल इंडिया के साथ SNG, Methanol के उत्पादन के लिए काम करेगा. साथ ही भविष्य के Suitable Business Model के लिए वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा.