अमेजन के सीईओ ने बताए अपनी सफलता के राज, 08 घंटे की नींद और दिन में 03 बड़े फैसलों से यहां तक पहुंचा
इसी महीने अमेजन एप्पल के बाद दुनिया की दूसरी 72 लाख करोड़ रुपये मार्केट कैप वाली कंपनी बन गई है. अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस इसके बाद से पहली बार सार्वजनिक मंच पर आए थे.
इसी महीने अमेजन एप्पल के बाद दुनिया की दूसरी 72 लाख करोड़ रुपये मार्केट कैप वाली कंपनी बन गई है. अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस इसके बाद से पहली बार सार्वजनिक मंच पर आए थे. उनसे उनका सक्सेस मंत्र पूछने पर उन्होंने बताया कि 08 घंटे की नींद, 10 बजे पहली मीटिंग और दिन में सिर्फ 03 बड़े फैसले उनकी सफलता के मंत्र हैं. बेजोस वॉशिंगटन के इकोनॉमिक क्लब के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे. उन्होंने बताया कि बतौर सीनियर एक्जीक्यूटिव किसी को भी बहुत सारे फैसले लेने के लिए सैलरी नहीं दी जाती. उनको हाई क्वालिटी वाले फैसले लेने होते हैं.
अच्छी नींद से करतें हैं दिन की शुरुआत
यहां उन्होंने पर्सनल लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ के बीच संतुलन और अपनी फैसले लेने की कला पर भी बात की. बेजोस कहते हैं कि रात की अच्छी नींद के साथ ही मेरे दिन की शुरुआत होती है. मैं रात में जल्दी सोता हूं. मेरा मानना है कि अच्छी नींद लेने से ही आपके अगले दिन की अच्छी शुरुआत होती है. आप अच्छे से सोच पाते हैं और दिन भी ऊर्जा बनी रहती है. सुबह की शुरुआत में एक कप कॉफी के साथ करता हूं. कॉफी पीते - पीते ही मैं अखबार पढ़ता हूं. बच्चों के स्कूल जाने से पहले मैं उनके साथ नाश्ता करता हूं. ये मेरे लिए एक नियम है.
सबसे कठिन मीटिंग सुबह 10 बजे करते हैं
ऑफिस पहुंच कर 10 बजे मैं पहली मीटिंग करता हूं. दिनभर की सबसे कठिन मीटिंग को ही मैं सुबह 10 बजे रखता हूं. कोशिश करता हूं कि लंच तक इस मीटिंग से जुड़े फैसले फाइनल कर दूं. यदि लंच तक इस मीटिंग से जुड़े फैसले नहीं ले पाता हूं तो उस मीटिंग को अगले दिन सुबह 10 बजे के लिए रीशिड्यूल कर देता हूं. लंच के बाद दूसरे जरूरी काम शुरू कर देता हूं. शाम 05 बजे के बाद कोई बड़ा काम नहीं करता. मेरे फैसले लेने का तरीका बड़ा आसान है. अच्छे फैसले हिम्मत और दिल से लिए जाते हैं ऐनलिसिस से नहीं. जिंदगी और बिजनेस में मैंने हर काम की शुरुआत छोटे कदम से की और इस तरह के फैसले लिए. अमेजन को ही देख लीजिए. मैंने 05 लोगों से शुरुआत की आज मेरे साथ 05 लाख लोग मेरे साथ जुड़े हैं. शुरु में जब मैं खुद पैकेज पहुंचाने पोस्टऑफिस जाता था तो सोचता था कि एक दिन हमारे पास भी ऑफिस होगा.