रोजमर्रा के उपभोग का सामान (FMCG) बनाने वाली कंपनी ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Britannia Industries) ने कहा कि वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बावजूद भारत में कारोबार की स्थिति आशावादी है. हालांकि, ‘अल नीनो’ (El Nino) के कारण मानसून (Monsoon) में कमी के चलते कुछ चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं. 

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ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान मुद्रास्फीति कई घरेलू और वैश्विक कारकों पर निर्भर करेगी. रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य पदार्थों की कीमतों और रूरल ग्रोथ का आउटलुक काफी हद तक जलवायु कारकों और मानसूनी बारिश पर निर्भर करेगा.

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गेहूं, चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी बिजनेस ग्रोथ के लिए जोखिम

पूर्वानुमान के अनुसार ‘अल नीनो’ (El Nino) स्थितियों के कारण मानसून में किसी भी कमी का ग्रामीण उपभोग और समग्र रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. कंपनी ने कहा, गेहूं, चीनी, दूध और खाद्य तेल जैसी सामग्री की उपलब्धता और कीमतें प्रभावित हो सकती हैं, जिससे बिजनेस ग्रोथ के लिए गंभीर जोखिम पैदा हो सकता है.

गुड डे, टाइगर, न्यूट्रीचॉइस, मिल्क बिकिस और मैरी गोल्ड जैसे लोकप्रिय ब्रांडों की विनिर्माता ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के अनुसार हाई कॉस्ट और अधिक मांग के कारण दूध की कीमतें बढ़ने का अनुमान है.

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अच्छी फसल से कीमतों को कर सकते हैं कंट्रोल

रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं, चीनी, खाद्य तेल और ईंधन जैसी अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को लेकर अनिश्चितता है. हालांकि, उम्मीद है कि अच्छी फसल से कीमतों को नियंत्रण में रखने और ग्रामीण मांग को मजबूत करने में मदद मिलेगी.

इसके अलावा, पूंजीगत व्यय और निजी क्षेत्र के विनिर्माण और सेवा गतिविधियों पर सरकार के जोर से भी इनकम जनरेशन को समर्थन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

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