शक्ति भोग नाम के ब्रांड से आटे और अन्य प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी शक्ति भोग फूड्स के खिलाफ दिवालियापन की अर्जी मंजूर हो गई है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की अर्जी पर NCLT दिल्ली ने यह अर्जी मंजूर की. बैंक की अर्जी पर राम रतन कानूनगो को अंतरिम रिजोल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया गया है. इंसॉल्वेंसी की अर्जी मंजूर होने के बाद अब कंपनी से किसी भी तरह की वसूली पर रोक लग गई है.

जून में ED ने लिया था एक्शन

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इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत 2.14 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच किया था. ED ने इसी साल जून में PMLA कानून के तहत CA देवकी नंदन, आर एन सराफ, रमेश गोयल, देवेन्द्र कुमार, महेश कुमार, अशोक कुमार गोयल, देवकी नंदन गर्ग की संपत्ति अटैच की. 

2017 में SBI ने दाखिल की थी अर्जी

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने दिसंबर 2017 में अर्जी दाखिल की थी. अर्जी में स्टेट बैंक ने 2045 करोड़ रुपए के डिफाल्ट का आरोप लगाया था. इसमें से 280 करोड़ रुपए का लोन था, जबकि करीब 1765 करोड़ रुपए के वर्किंग कैपिटल फैसिलिटी थी. शक्ति भोग के खाते को बैंकों ने जून 2015 में NPA घोषित किया था. बाद में इसी मामले में CBI और ED ने भी कार्रवाई की थी. ED ने कुल 3269 करोड़ रुपए के लोन का घपला बताया था. 

खातों में हेराफेरी का आरोप

SBI के मुताबिक निदेशकों ने लोगों के पैसे को हड़पने के लिए कथित तौर पर खातों में हेराफेरी की और जाली दस्तावेज तैयार किए थे. बैंक के मुताबिक कंपनी की 2008 में कारोबारी ग्रोथ 1411 करोड़ रुपए थी, जो 2014 में बढ़कर 6,000 करोड़ रुपए हो गई.  शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड दिल्ली बेस्ड कंपनी है. कंपनी शक्ति भोग ब्रांड से आटा, चावल, बिस्कुट और कुकीज जैसे प्रोडक्ट्स बनाती है.