बाजार बंद होने के बाद Bank of India के निवेशकों के लिए आया बड़ा अपडेट, बुधवार को शेयर में दिखेगा एक्शन
Bank of India launches QIP: BSE पर दी गई जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने QIP का फ्लोर प्राइस तय कर दिया है. फ्लोर प्राइस ₹105.42/share रखा गया है. जानकारी के मुताबिक, इश्यू का कुल साइज ₹3500-₹4000 करोड़ रुपए है.
बैंक ऑफ इंडिया (Bank Of India) ने अपना क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) लॉन्च कर दिया है. BSE पर दी गई जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने QIP का फ्लोर प्राइस तय कर दिया है. फ्लोर प्राइस ₹105.42/share रखा गया है. जानकारी के मुताबिक, इश्यू का कुल साइज ₹3500-₹4000 करोड़ रुपए है. इसमें बेस इश्यू प्राइस ₹2000-2500 करोड़ रुपए हो सकता है. वहीं, 1500 करोड़ रुपए का ग्रीन शू ऑप्शन होगा.
इश्यू प्राइस SEBI प्लोर प्राइस से डिस्काउंट पर दिया जा सकता है. कंपनी के QIP लॉन्च के बाद शेयर प्राइस में बुधवार को जबरदस्त एक्शन दिखाई दे सकता है. बैंक ऑफ इंडिया के निवेशकों को शेयर पर नजर रखनी चाहिए. साल 2021 में भी बैंक ऑफ इंडिया ने QIP के जरिए 2550 करोड़ रुपए जुटाए थे. बता दें, मंगलवार को बाजार की क्लोजिंग में बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 0.6 फीसदी के उछाल के साथ 109.80 रुपए पर बंद हुआ. शेयर का 52 वीक हाई 113.80 रुपए है.
QIP क्यों लाती हैं कंपनियां?
कंपनियां, बाजार से पैसा जुटाने के लिए QIP लाती हैं. QIP का मतलब है क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट. यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कंपनियां योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) को सिक्योरिटीज जारी करके रकम जुटाती हैं. QIP के लिए मार्केट रेग्युलेटर यानी SEBI से मंजूरी की जरूरत नहीं है. QIP की शुरुआत, साल 2006 में SEBI ने की थी. इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू बाजार से रकम जुटाना था. QIP कंपनियों को मौजूदा शेयरधारकों के स्वामित्व हिस्सेदारी को कम किए बिना पूंजी जुटाने का एक तेज तरीका है. QIP में कंपनी नियमों के मुताबिक शेयर का भाव तय करती है. QIP का भाव शेयर के 2 हफ्ते के औसत भाव से कम नहीं होना चाहिए.
क्या होता है QIP में फ्लोर प्राइस?
कंपनी बाजार में QIP लाती है तो उसमें इक्विटी शेयर्स के हिसाब से फ्लोर प्राइस तय किया जाता है. फ्लोर प्राइस किसी भी QIP के ऑफर की सबसे न्यूनतम सीमा होती है. इससे नीचे QIP को बेचा या खरीदा नहीं जा सकता है.
QIP से कंपनियों को क्या फायदा?
QIP कंपनियों के पास रकम जुटाने का आसान और किफायती तरीका होता है. शेयर की बेहतर प्राइसिंग से निवेशकों को भी फायदा मिलता है. QIP इश्यू होने के बाद इसे लिस्ट कराया जाता है. हालांकि, पिछले कुछ साल में QIP का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है.
क्या होगा शेयर पर असर?
QIP के जरिए शेयर खरीदने का फायदा संस्थागत निवेशकों का मिलता है. इन्हें ये शेयर डिस्काउंट पर इश्यू किए जाते हैं. मार्केट प्राइस पर छूट के अलावा वे इम्पैक्ट खर्च को भी बचाने में सफल होते हैं. लेकिन, अगर QIP को अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिलता या फिर जुटाई गई रकम से कंपनी आगे की प्लानिंग में सफल नहीं होती तो शेयरों में भारी गिरावट आने का खतरा रहता है. बैंक ऑफ इंडिया के मामले में भी QIP लॉन्च के बाद बुधवार को शेयरों में एक्शन देखने को मिल सकता है.