बजाज ऑटो (Bajaj Auto) के चेयरमैन राहुल बजाज (Rahul Bajaj) ने कंपनी का साथ छोड़ने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद राहुल बजाज कार्यकारी भूमिका से हटकर गैर-कार्यकारी भूमिका में नजर आएंगे. बजाज को आगे बढ़ाने और कंपनी को यहां तक पहुंचाने में राहुल बजाज का काफी बड़ा हाथ रहा है. बजाज ने लगातार 50 सालों तक कंपनी को अपनी सेवाएं दी हैं. 

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31 मार्च को होगा आखिरी दिन

बजाज ऑटो की जानकारी के मुताबिक, राहुल 31 मार्च 2020 तक एग्जीक्यूटिव के तौर पर काम करेंगे. राहुल बजाज एक अप्रैल 1970 से लगातार अभी तक बजाज ऑटो के निदेशक रहे हैं. इससे पहले अप्रैल 2015 में कंपनी ने उनको पांच साल के लिए निदेशक नियुक्त किया था. 

कार्यभार कम करने का लिया फैसला

कंपनी के मुताबिक, राहुल बजाज गैर-कार्यकारी निदेशक की तरह काम करेंगे. यह पद वह अप्रैल 2020 से संभालेंगे. बजाज ऑटो ने कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल ने बृहस्पतिवार को एक बैठक में उनकी गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी. राहुल बजाज ने कहा कि कई प्रतिबद्धताओं और बढ़ती व्यस्तता के कारण राहुल ने अपना कार्यभार कम करने का फैसला लिया है.

81 साल के हो चुके हैं राहुल बजाज

आपको बता दें कि राहुल बजाज 81 साल की आयु पूरी कर चुके हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए और सेबी नियमों का पालन करने हुए कंपनी ने यह फैसला लिया है. बता दें कि गैर-कार्यकारी चेयरमैन के रूप में उनकी नियुक्ति पर शेयरधारकों की मंजूरी लेनी होगी. 

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विदेशों में भी बढ़ी कंपनी के प्रोडक्ट की मांग

बता दें कि राहुल बजाज के नेतृत्व में कंपनी ने कई बड़ी ऊंचाइयों को छुआ है. इसके कारण कंपनी की पहचान भारत के साथ-साथ विदेशों में भी बढ़ रही है. साल 2005 में राहुल बजाज ने अपने बेटे को भी इस बिजनेस में लगाना शुरु कर दिया था. बता दें कि राहुल बजाज के समय में कंपनी के प्रोडक्ट्स की मांग विदेश में भी बढ़ती जा रही थी.