इंटरनेशल स्टील कंपनी आर्सेलरमित्तल (ArcelorMittal) ने अब भारत में भी अपने कदम बढ़ा दिए हैं. आर्सेलरमित्तल ने एस्सार स्टील (Essar Steel) का अधिग्रहण कर भारत के इस्पात बाजार (Steel Marekt) में उतर गई है. दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी लंबे समय से भारत के इस्पात बाजार में उतरने की तैयारी कर रही थी. लेकिन अब जाकर उसने भारत में एंट्री की है.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पिछले महीने लक्ष्मी निवास मित्तल की अगुवाई वाली कंपनी द्वारा एस्सार स्टील के 42,000 करोड़ रुपये में अधिग्रहण का रास्ता साफ कर दिया था. यह दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत सबसे बड़ी वसूली है. एएम-एनएस इंडिया (AM-NS India) में आर्सेलरमित्तल की हिस्सेदारी 60 फीसदी है और बाकि 40 फीसदी हिस्सेदारी निप्पन स्टील के पास है.

आर्सेलर मित्तल ने कहा कि उसने कर्ज के बोझ से दबी कंपनी के स्वामित्व और परिचालन के लिए निप्पन स्टील (एएम-एनएस इंडिया) के साथ संयुक्त उद्यम का गठन किया है.

आर्सेलर मित्तल के अध्यक्ष एवं मुख्य वित्त अधिकारी आदित्य मित्तल को एएम-एनएस इंडिया का चेयरमैन बनाया गया है. वहीं दिलीप ओम्मन को कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया है.

आर्सेलर मित्तल के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी लक्ष्मी निवास मित्तल ने कहा कि एस्सार स्टील का अधिग्रहण आर्सेलरमित्तल के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है. 

एस्सार स्टील पर वित्तीय कर्जदाताओं और परिचालन के लिए कर्ज देने वालों का 54,547 करोड़ रुपये का बकाया था जिसकी वजह से आईबीसी के तहत कंपनी की नीलामी की गई.

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मुनाफे में आई कमी

बता दें कि इस साल मार्च में आर्सेलर मित्तल का शुद्ध मुनाफा मार्च तिमाही में 66 प्रतिशत कम होकर 40 करोड़ डॉलर पर आ गया था. पिछले साल की समान तिमाही में उसे 1.20 अरब डॉलर का शुद्ध मुनाफा हुआ था. कंपनी के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी लक्ष्मी निवास मित्तल ने कहा कि इस्पात उद्योग चुनौतीपूर्ण स्थिति से गुजर रहा है. इसके अलावा कमजोर आर्थिक गतिविधियों के चलते इस्पात की कम कीमत तथा कच्चे माल की लागत बढ़ने से मुनाफे पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि कंपनी को आने वाले समय में भी चुनौतीपूर्ण कारोबारी परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है.