अमूल ब्रांड नाम से डेयरी उत्पाद बेचने वाली कंपनी जीसीएमएमएफ का कारोबार समाप्त वित्त वर्ष 2018-19 में 13 प्रतिशत बढ़कर 33,150 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) ने वर्ष 2017-18 में 29,225 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. कंपनी ने एक बयान में कहा कि जीसीएमएमएफ ने वर्ष 2018-19 में 33,150 करोड़ रुपये का कारोबार किया है. यह आंकड़ा अस्थायी है. पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह 13 प्रतिशत अधिक है.

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दूध की अधिक खरीद, नए बाजारों को जोड़ने, नए उत्पादों की पेशकश करने और नई दूध प्रसंस्करण क्षमताओं को बढ़ाने के मामले में लगातार विस्तार के कारण अमूल फेडरेशन पिछले नौ वर्षों से 17.5 प्रतिशत से अधिक की औसतन वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) हासिल कर रहा है. अमूल फेडरेशन और इसकी 18 सदस्य यूनियनों का कारोबार 45,000 करोड़ रुपये को लांघ गया है जो पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है.

गुजरात के 18,700 गांवों में 36 लाख से अधिक किसान-सदस्य संख्या वाले अमूल फेडरेशन की 18 सदस्य यूनियनें औसतन 230 लाख लीटर दूध प्रतिदिन खरीद रही हैं, जो पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है. अमूल फेडरेशन के चेयरमैन रामसिंह पी परमार ने कहा, "अमूल उत्पादों की बाजार मांग में अनुमानित वृद्धि और हमारे भविष्य के विपणन प्रयासों के आधार पर हम अगले पांच वर्षों के दौरान कम से कम 20 प्रतिशत औसत वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) हासिल करने का अनुमान लगाते हैं." 

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अमूल फेडरेशन के उपाध्यक्ष, जेठाभाई भरवाड़ ने कहा कि अमूल की सदस्य यूनियनों ने अगले दो वर्षों में अपनी दूध प्रसंस्करण क्षमता को 350 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 380-400 लाख लीटर प्रतिदिन करने की योजना बनाई है. अमूल के प्रबंध निदेशक, आरएस सोढ़ी ने कहा, "हमने सभी उत्पाद श्रेणियों में बिक्री में मात्रात्मक वृद्धि हासिल की है. सबसे अधिक कारोबार वाले उत्पाद, पाउचबंद दूध के कारोबार में लगभग सभी बाजारों में अच्छी वृद्धि देखने को मिली है."