आम्रपाली के प्रोजेक्ट्स में घर खरीदने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है. बरसों से अटका खरीदारों का घर अब जल्द मिल जाएगा. दरअसल, रुके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को अब सरकारी कंस्ट्रक्शन कंपनी नेशनल बिल्डिंग कस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) पूरा करेगी. आम्रपाली ग्रुप के 42000 से ज्यादा घर खरीदारों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ग्रुप के एनबीसीसी पूरा करे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 10 मई को फैसला सुरक्षित रखा था.

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एनबीसीसी बिल्डर के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का काम करेगी. एनबीसीसी ये सुनिश्च‍ित करेगी कि ये अधूरे प्रोजेक्ट्स जल्द पूरे हों और घर खरीदारों को सौंप दिए जाएं. एनबीसीसी की भूमिका इस मामले में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट के तौर पर रहेगी. 

घर खरीदारों को पैसा जमा कराने के निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि घर खरीदार भी तीन महीने में पेंडिंग अमाउंट जमा कराएं. कोर्ट ने कहा कि डायरेक्टर्स ने खरीदारों का पैसा कहीं और डायवर्ट किया. साल 2015 से 2018 के बीच आम्रपाली का अकाउंट मैंटेन नहीं था, इसी दौरान पैसा इधर से उधर हुआ है. कोर्ट ने कहा आम्रपाली ग्रुप ने मनी लॉन्ड्रिंग की है. फ्लैट की बोगस अलॉटमेंट की गई और बड़ी धोखाधड़ी हुई है.

लीज रद्द करने के आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा आम्रपाली ग्रुप को दी गई लीज नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी रद्द करे. नोएडा अथॉरिटी आम्रपाली के बायर्स पर कार्रवाई न करे. साथ ही आम्रपाली ग्रुप का RERA के तहत किया गया रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जाए. कोर्ट ने कहा कि घर खरीदार बाकी बचे हुए पैसे को तीन महीने में सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा करा दे.

मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के आदेश

अदालत ने पूरे मामले में प्रवर्तन निदेशालय को मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच करने के भी आदेश दिए. अदालत ने आर वेंकट रमानी को कोर्ट रिसीवर नियुक्त किया है. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी. आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के मामले में 10 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

आम्रपाली ने मांगी थी मदद

बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में आम्रपाली ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट को एक प्रस्ताव सौंपा था. इस प्रस्ताव में उसने कहा था कि हमने सरकार को एक प्रपोजल सौंपा है. इसमें हमने अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए एनबीसीसी की मदद लेने की बात कही है.

सरकार ने भी दी थी जिम्मेदारी

पिछले साल सरकार ने भी एनबीसीसी को ऐसे प्रोजेक्ट्स की लिस्ट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी. एनबीसीसी का काम होगा कि वह प्रोजेक्ट्स से जुड़ी तमाम जानकारी (जैसे जमीन, ग्राहक और कितनी राशि खर्च हो चुकी है) जुटाएगी. जानकारी इकट्ठा करने के बाद ही बिल्डर से बातचीत कर प्लान फाइनल किया जाएगा.